दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिए अपने एक फैसले में कहा कि हर किसी को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार संवैधानिक रूप से मिला है। परिवार के सदस्य भी ऐसे वैवाहिक संबंधों पर आपत्ति नहीं कर सकते। कोर्ट शादी के बाद परिवार से मिल रहीं धमकियों का सामना कर रहे एक नवयुगल की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने इस जोड़े को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अपने नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना हमारा संवैधानिक दायित्व है। याचिकाकर्ता को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार संविधान के तहत अमिट और संरक्षित हैं, इन्हें किसी भी तरह कमजोर नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति ने कहा कि याचिकाकर्ता के बीच विवाह के तथ्य और उनके बालिग होने के तथ्य के बारे में कोई संदेह नहीं है। ऐसे में परिवार के सदस्य भी याचिकाकर्ता के बीच हुए इस वैवाहिक संबंध पर आपत्ति नहीं कर सकते।
याचिकाकर्ता ने बताया कि उन्होंने अपने परिवारीजनों की इच्छा के विरुद्ध अप्रैल में शादी की थी, तब से दोनों खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं, लेकिन परिवारीजन लगातार धमकियां दे रहे हैं। याचिकाकर्ता की बात सुनकर न्यायाधीश ने नवयुगल को सुरक्षा प्रदान करने के आदेश दिए। बीट अधिकारी को समय-समय जांच करने के लिए भी कहा।
अदालत ने ये भी कहा कि यदि याचिकाकर्ता अपना पता बदलते हैं तो उन्हें संबंधित पुलिस स्टेशन के एसएचओ को बताना होगा, जो वर्तमान आदेश का अनुपालन करेगा। आदेश में कोर्ट ने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता ओ अपने वर्तमान आवासीय पते के साथ कामकाजी पते के बारे में पुलिस को बताना होगा, जो किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को इसका खुलासा नहीं करेगा।