उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन में ज्वेलर्स परिवार की 26 वर्षीय एक बिटिया सलोनी ने एमबीए (MBA) की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह सब कुछ त्याग कर अध्यात्म की राह पर चल पड़ी हैं। सलोनी ने एमबीए (MBA) करने के बाद सांसारिक जीवन को छोड़ अध्यात्मिक जीवन की राह चुन साध्वी बनी है।
जानकारी के लिए बता दें कि उज्जैन की बेटी ने आचार्य भगवंतों की उपस्थिति में सलोनी का नामकरण कर मल्ली दर्शन साध्वी हो गया है। इस दौरान परिवार जनों ने खुशियां मनाते हुए पांच दिवसीय कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
एमबीए करने के बाद सलोनी ने इंदौर में प्राइवेट कंपनी में जॉब की उसके बाद पिता का ज्वेलर्स का बिजनेस भी संभाला और एक दिन सांसारिक जीवन छोड़ साध्वी बनने का निर्णय ले लिया। सलोनी सोशल मीडिया इंस्टाग्राम और एफबी पर भी एक्टिव रहा करती थी, लेकिन अब सबसे कठिन राह पर चल निकली है जहां उन्हें किसी प्रकार की सुख सुविधाएं नहीं मिलेगी और पैदल ही बिहार करना पड़ेगा। मंगलवार शाम सलोनी का भावुक विदाई कार्यक्रम को जहां उसने अपने छोटे भाई को राखी बांधी।
जैन धर्म मे मुनि दीक्षा लेना बेहद कठिन फैसला होता है। क्योंकि संयम जीवन में ना वाहन और ना ही इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का प्रयोग करना होता है। आजीवन ही पैदल विहार मंदिर में ही रहना होता है। माता-पिता भाई-बहन सहित सभी सांसारिक रिश्तों का त्याग और केवल धर्म के उद्देश्य के लिए सादा जीवन जीते हैं।
हायर एजूकेशन की पढ़ाई करने वाली सलोनी भंडारी का भावुक पलों के साथ विदाई कार्यक्रम भी हुआ। इसमें अंतिम बार उसने भाई की कलाई पर राखी बांधी तो सभी रिश्तेदारों ने उसे दुलार किया और संयम जीवन की मंगलकामनाएं दीं। मुनि दीक्षा के बाद सलोनी सभी रिश्ते व अन्य बंधनो से दूर हो गई। इन दृश्यों को देखकर उपस्थितजनों की आंखें भर आईं।