जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायसिस के बिशप पीसी सिंह के घर एवं कार्यालय में आज गुरुवार सुबह ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा। यह कार्रवाई बिशप द्वारा पद पर रहते हुए छात्रों की फीस की करीब पौने तीन करोड़ रुपए की राशि का गबन करने के मामले में की गई है। बिशप के नेपियर टाउन स्थित निवास एवं कार्यालय में सर्च कार्रवाई जारी है, जिसमें कई खुलासे हो सकते हैं।

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह राजपूत ने बताया कि आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को शिकायत प्राप्त हुई थी कि बिशप पीसी से चेयरमैन द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस द्वारा कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसाइटी का नाम परिवर्तन कर उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरुपयोग करते हुए सोसाइटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली विद्यार्थियों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लाकर गबन किया गया है। शिकायत की जांच उप पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू मंजीत सिंह से कराई गई।

ईओडब्ल्यू द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ है कि बिशप पीसी सिंह ने शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-5 से वर्ष 2011-12 के बीच करीब दो करोड़, 70 लाख रुपए की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर इसका दूरविनियोग किया गया है। साथ ही स्वयं के उपयोग में ले कर उक्त राशि का गवन करना प्रथमदृष्टया प्रमाणित पाया गया है। शिकायत की जांच एवं साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बिशप पीसी सिंह एवं तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्टार फर्म एंड संस्थाएं बीएस सोलंकी के खिलाफ अमानत में खयानत एवं धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत ईओडब्ल्यू ने प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया हैद्य

ईओडब्ल्यू की टीम ने बेशक पीसीसी के निवास बिशप हाउस नेपियर टाउन एवं नेपियर टाउन स्थित कार्यालय में छापामार कार्रवाई करने के लिए न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त किया। इसके बाद गुरुवार सुबह बिशप के घर एवं कार्यालय में छापा मारा गया है। दोनों जगह सर्च कार्रवाई जारी है। प्रकरण की विवेचना उपनिरीक्षक विशाखा तिवारी को सौंपी गई है।

ईओडब्ल्यू के टीम द्वारा बिशप के कार्यालय एवं घर में की जा रही सर्च कार्रवाई में बिशप की संपत्ति का पता लगाया जा रहा है। साथ ही प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं गबन की गई करोड़ों रुपए की राशि से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है।