डिंडोरी । अंमरकटक मार्ग पर संचालित नर्मदा राइस मिल में बुधवार को ईओडल्यू (EOW) की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए स्टॉक का मिलान किया। इस मामले में बताया गया कि नर्मदा राइस मिल के संचालक रमेश राजपाल को मप स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन जिला डिण्डौरी से 300 लॉट धान का अनुबंध था जिसमें से संचालक द्वारा 282 लॉट धान का उठाव किया गया। जिसके बदले में संचालक के द्वारा 222 लॉट चावल दिनांक बुधवार यानि 02 मई 2023 तक जमा किया गया है शेष 60 लॉट धान मिल संचालक के पास जमा है। इसके बाद जांच के दौरान ही शेष 60 लॉट धान का भौतिक सत्यापन मुकुल त्रिपाठी, वेद प्रकाश श्याम मेनेजर नर्मदा राइस मिल तथा रमेश राजपाल संचालकए नर्मदा राइस मिल के समक्ष किया गया ।
भौतिक सत्यापन पर सीएम आर सीट मे शेष 60 लॉट धान के विरुद्ध मिल में 9 लॉट धान व 16 लॉट चावल कुल 25 लॉट धान एवं चावल पाया गया। जबकि शेष 35 लॉट धान भौतिक सत्यापन पर कम पाई गई। जिसे नर्मदा राइस मिल के संचालक रमेश राजपाल एवं प्रो ऋचा राजपाल द्वारा शासन से धोखाधड़ी कर शासन से प्राप्त होने वाली धान को खुले बाजार में विक्रय कर विश्वास का आपराधिक हनन कर नुकशान पहुचाया गया। जिससे शासन को तीन करोड तीन लाख दस हजार रुपये की आर्थिक क्षति कारित की जाने पर नर्मदा राइस मिल कोहका के संचालक रमेश राजपाल व राइस मिल कोहका की प्रोपराइटर ऋचा राजपाल धारा 420, 409 भादवि के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।
इस संबंध में मुकुल त्रिपाठी, डीएम नॉन का कहना है कि मुझे अपराध दर्ज होने की जानकारी नहीं हैं, जांच टीम आई थी, टीम ने मुझसे जो जानकारी मांगी वह मैने भौतिक सत्यापन कर दे दी, सत्यापन में मिल पर काम लॉट घान पाया गया था। बांकी जानकारी जांच टीम ही बता पाएगी।
वहीं संचालक रमेश राजपाल का कहना है कि बुधवार को जांच टीम आई थी और जो 35 लॉट धान माल उन्हें नहीं मिला है वह जगह की कमी के चलते मैने दूसरी जगह रखवाया था, अपराध दर्ज करने की जानकारी मुझे नहीं हैं, मैने कोई अपराध नहीं किया है।