भोपाल, मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन भोपाल में प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर हेमा मीणा को नौकरी से हटा दिया गया है. कॉरपोरेशन के चेयरमैन आईपीएस कैलाश मकवाना ने इस संबंध में विभाग के एमडी उपेंद्र जैन को निर्देश जारी किए हैं. चेयरमैन ने संविदा पर नौकरी कर रही प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से हटाने को कहा है.

पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन भोपाल में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर (संविदा) के फार्म हाउस पर गुरुवार को लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई की थी. उसके घर से मिली संपत्ति का आकलन आज तक जारी है. हैरानी की बात है कि 30 हज़ार रुपये महीने वेतन पाने वाली संविदा इंजीनियर के घर से एक टीवी मिला है जिसकी कीमत 30 लाख रुपये बताई जा रही है.

असिस्टेंट इंजीनियर के ऊपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत के बाद लोकायुक्त ने रेड की थी. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लोकायुक्त ने महिला इंजीनियर के पास से 7 करोड़ की प्रॉपर्टी (जिसमें जमीन और गाड़ियां भी शामिल हैं) बरामद हुई.

इंजीनियर के बिलखिरिया स्थित फार्म में आलीशान बंगला, फॉर्म हाउस, लाखों के कृषि उपकरण, कई विदेशी डॉग्स और डेयरी मिली है. फार्म हाउस पर कई विदेश नस्ल के डॉग मिले हैं. लगभग 60 से 70 अलग – अलग ब्रीड की गायें भी मौजूद हैं. सीसीटीवी मॉनिटर, अलमारी, ऑफिस टेबल, रिवॉल्विंग चेयर के साथ एक 30 लाख कीमत का 98 इंच का टीवी भी मिला है. वहीं, फार्म हाउस में एक विशेष कमरा बनाया गया था. कमरे में महंगी शराब, सिगरेट जैसी चीजें मौजूद थीं. इंजीनियर को महंगी गाड़ियों का भी शौक है. इनके पास 2 ट्रक, 1 टैंकर, थार समेत 10 गाड़ियां भी मिली हैं.

खास बात यह है कि जब लोकायुक्त टीम ने रेड मारी तो 30 हज़ार रुपये महीने की नौकरी करने वाली इंजीनियर के संपत्ति र उसकी आलीशान लाइफस्टाइल देखकर जांच अधिकारियों का माथा चकरा गया. संविदा के पद पर सब इंजीनियर के रूप में नौकरी करने वाली हेमा मीणा को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.

लोगों का कहना है कि आज से कुछ साल पहले हेमा मीणा के परिवार की आर्थिक स्थिति नहीं थी. लेकिन अचानक से कुछ सालों में ऐसा क्या हो गया कि करोड़ों की संपत्ति बन गई? वहीं, हेमा मीणा ने बताया गया है कि यह संपत्ति उनको उनके पिता और भाई ने खरीदकर दान में दी है.

हेमा मीणा तो एकमात्र मुखौटा
सूत्रों की मानें तो हेमा मीणा तो एकमात्र मुखौटा है. इनके पीछे इसी विभाग का कोई और बड़ा अधिकारी है जिसने अपनी संपत्ति को हेमा मीणा के नाम करवा दी है. हालांकि, सबूतों के अभाव में कोई भी कुछ भी कहने से बच रहा है. लोकायुक्त पुलिस सभी पहलुओं पर चर्चा कर रही है और जरूरत पड़ने पर हेमा के सरपरस्त बताए जाने वाले विभाग के अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है.