भोपाल। मध्यप्रदेश में अब शासकीय, वाणिज्यिक भवन एवं प्रतिष्ठान और अधिक उर्जा दक्ष बनाए जाएंगे। यहां उर्जा दक्षता और उर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए भवन के स्वरूप और प्रणालियों में मापदंडों में बदलाव होगा। इससे उर्जा दक्षता बढ़ सकेगी। इसकी मॉनिटरिंग के लिए मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में आधा दर्जन आईएएस अफसरों की टीम पूरे प्रदेश की मॉनिटरिंग करेगी।

मध्यप्रदेश में उर्जा संरक्षण भवन संहिता क्रियान्वयन समिति में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस अध्यक्ष रहेंगे। इसके अलावा नवीन एवं नवकरणीय उर्जा, नगरीय विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, लोक निर्माण विभाग के परियोजना निदेशक और मुख्य वास्तुविद, विद्युत नियामक आयोग के सचिव, प्रत्येक विद्युत वितरण कंपनी से एक प्रतिनिधि, केन्द्रीय उर्जा कार्यकुशलता ब्यूरो, विद्युत मंत्रालय के प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे। उर्जा निगम के प्रबंध संचालक इसके सदस्य सचिव होंगे। यह समिति प्रदेश के भवनों में दर्जा दक्षता और उर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के उपायों पर काम करेगी।

उर्जा संरक्षण भवन संहिता पर जागरुकता और संहिता के अनुपालन वाले भवन निर्माण की प्रक्रिया तैयार करेगी। भवन निर्माण परियोजनाओं में गुणवत्ता और निरंतरता, जलवायु परिस्थितियों और आवश्यकताओं के अनुरूप सुनिश्चित करने हेतु उर्जा दक्ष भवनों के निर्माण को प्रोत्साहन देगी। अधिकारियों के साथ समन्वय कर भवन निर्माण कर्मचारियों, निर्माणकर्ता और ठेकेदारों के कौशल तथा क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करेगी, जिससे भवनों में उर्जा दक्ष रूपांकन को बढ़ावा दिया जा सके।

हर पांच साल में एक बार मध्यप्रदेश ईसीबीसी पर समीक्षा करेंगे और आवश्यकतानुसार ब्यूरो के परामर्श से इन नियमों में ईसीबीसी को संशोधित करवाएंगी। जिम्मेदार उर्जा लेखा परीक्षक भवन की सूची की वार्षिक समीक्षा कर ब्यूरो को जानकारी भेजेगी। उर्जा दक्षता ब्यूरो नई दिल्ली को क्षेत्रवार गर्म और शुष्क, मिश्रित क्षेत्र के वर्गीकरण तथा उर्जा निष्पादन सूचकांक के वर्गीकरण के लिए सहायता हेतु सुझाव भी देगी।

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