भोपाल। पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी के सेवानिवृत्ति के अवसर पर विदाई परेड का आयोजन मोतीलाल नेहरू पुलिस स्टेडियम भोपाल में किया गया।
विदाई परेड में परेड कमाण्डर भापुसे अभिनव विश्वकर्मा तथा परेड टूआईसी उप पुलिस अधीक्षक पराग सैनी के नेतृत्व में आठ प्लाटून तथा पुलिस बैण्ड दल द्वारा पुलिस महानिदेशक को सलामी दी गई। सलामी के पश्चात् विवेक जौहरी द्वारा परेड का निरीक्षण किया गया। उसके पश्चात् परेड में सम्मिलित प्लाटून के द्वारा आकर्षक मार्च पास्ट किया गया।
सेवानिवृत्ति के अवसर पर जौहरी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि नियुक्ति के समय ली गई शपथ को अपने दीर्घ सेवाकाल में सहयोगी/अधीनस्थ अमले के सहयोग से पूरे समर्पण और निष्ठा से निभाने का प्रयास किया। सेवानिवृत्ति एक अनिवार्य प्रक्रिया है जो सेवाओं में नवीन व्यक्तियों तथा नवाचारों को सुनिश्चित करती है।
मेरे दीर्घ सेवाकाल में कई चुनौतियाँ, अवसर और उपलब्धियों के गौरवान्वित पल रहे। मध्यप्रदेश पुलिस में महानिदेशक पद का दयित्व ग्रहण करते ही कोविड-19 (कोरोना) जैसी वैश्विक महामारी का सामना, अपने तरह का अलग अनुभव था। एक भिन्न प्रकार की पुलिसिंग जो कानून-व्यवस्था, लॉकडाउन,प्रतिबंधात्म कार्यों से आगे जाकर समाज सेवा, सहयोगी, अपने प्राणों की बाजी लगाकर आमजन की प्राण रक्षा तक जा पहुँची। अद्भुत गौरवान्वित कर देने वाली पुलिसिंग।
वर्ष 2020 से 2022 में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट के दौरान मैदान में तैनात पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अपनी जान की परवाह किए बिना, न केवल अपने कर्तव्यों का निर्वाह सराहनीय रूप से किया, बल्कि दायित्वों की परिधि से आगे जाकर भी लोगों की मदद की गई।
कोविड-19 वैक्सीनेशन मध्यप्रदेश पुलिस की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में रहा। वैक्सीनेशन हेतु मध्यप्रदेश पुलिस के फ्रंट लाईनर्स एक लाख 08 हजार अधिकारियों/कर्मचारियों में से 98 प्रतिशत का सफलतापूर्वक वैक्सीनेशन किया जा चुका है।
नक्सली समस्या के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश शासन लगातार प्रयास कर रहा है। हॉक फोर्स की एक बटालियन, 02 आई.आर. बटालियन तथा 02 केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की बटालियन नक्सली क्षेत्र में तैनात की गई है। ट्राई जंक्शन में संयुक्त कैम्प (मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र के सुरक्षा बलों) खोले गए हैं। नक्सलियों की करोड़ो रूपये की अवैध वसूली में काफी अंकुश लगाया गया है। वर्ष 2020 में जिला बालाघाट में नक्सली शारदा उर्फ पुज्जे (ईनाम 08 लाख रूपये) एवं नक्सली शोभा और सावित्री ( ईनाम 08-08 लाख रूपये) पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में मारे गए तथा एक नक्सली बादल ( ईनाम 08 लाख रूपये) को जीवित पकड़ा गया है। वर्ष 2021 में जिला मण्डला में नक्सली दुल्ला उर्फ मैनू एवं गीता उर्फ सुक्की मडकम (ईनाम 05-05 लाख रूपये) पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में मारे गए तथा जिला बालाघाट में नक्सली श्यामलाल उर्फ मोतीराम उर्फ सनकू (ईनाम 05 लाख रूपये ) एवं नक्सली संदीप उर्फ लख्खू (ईनाम 08 लाख रूपये ) को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस कर्मचारियों के मनोबल को उच्च बनाये रखने हेतु वर्ष 2020-21 में नक्सल विरोधी अभियान में 100 अधिकारियों/ कर्मचारियों (उप निरीक्षक-03/ सउनि-03/ प्र.आर.-20/ आरक्षक-74) को क्रम पूर्व पदान्नति के आदेश जारी किये गये हैं। वर्ष 2021 में ATS एवं हॉकफोर्स द्वारा एक अंतर्राज्जीय आर्म्स रनिंग रैकेट का पर्दाफाश किया गया, जो कई राज्यों के नक्सलियों को अवैध हथियारों की आपूर्ति करता था।
वर्ष 2020 से महिला हेल्प लाइन-1090 के माध्यम से यौन अपराधों एवं घरेलू हिंसा के प्रकरणों में फरियादिया/ पीडिता से फीडबैक लेने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जिससे फरियादिया/पीडिता को विभिन्न विधिक प्रावधानों के बारे में नि:शुल्क परामर्श दिया जाता है। महिला विधिक अधिकारों की जागरूकता हेतु दिनांक 11-01-21 से 26-01-21 तक सघन जागरूकता अभियान ‘सम्मान’ चलाया गया, जिसमें समाज की सक्रिय सहभागिता एवं अपराधों की रोकथाम के प्रति जागरूक करने हेतु विभिन्न विभागों का सहयोग भी लिया गया। अभियान में माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा उन नागरिकों की पहचान कर ‘असली हीरो’ के रूप में सम्मानित किया गया, जिनके द्वारा वर्ष 2020 में महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराध को रोकने में अथवा किसी प्रकरण में सकारात्मक भूमिका का निर्वहन किया गया है।नाबालिग अपहृत तथा गुमशुदा बालिकाओं के लंबित प्रकरणों में परिजनों/सूचनाकर्ता को ‘अधिकार पत्र’ प्रदाय कर, उन्हें विवेचना की प्रगति के बारे में समय-समय पर अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया है। महिलाओं के विरूद्ध घटित अपराधों की रोकथाम हेतु प्रदेश के 700 थानों में ‘ऊर्जा महिला डेस्क’ का स्थापना भारत शासन के सहयोग से की गई है।
वर्ष 2020 में प्रशिक्षण का ऑफिशियल यू-ट्यूब चैनल लाँच किया गया, जिस पर सामान्य अंग्रेजी, सायबर, पुलिस विभाग के लिए प्रशासनिक एवं कल्याणकारी जानकारी, रोचक स्मरण की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। कोविड-19 के दौरान पुलिस प्रशिक्षण प्रभावित न हो, इस हेतु पुलिस कर्मियों के लिये ऑनलाईन प्रशिक्षण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई, जिसमें मध्यप्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारी/कर्मचारी सम्मिलित हुए हैं। वर्ष 2020 एवं 2021 में राष्ट्रीय स्तर की cyber crime investigation & intelligence summit 2021 का आयोजन मध्यप्रदेश पुलिस अकादमी भौंरी भोपाल में किया गया। वर्ष 2021 में देश भर के लगभग 3300 अधिकारी/कर्मचारी सम्मिलित हुये।
पुलिस बल के कौशल उन्नयन एवं क्षमता में बढ़ौत्तरी के उद्देश्य से राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर के शोध एवं अकादमिक संस्थानों के साथ मध्यप्रदेश पुलिस के डीजीपी रिसर्च एवं पॉलिसी सेल द्वारा करारनामें (एमओयू) किए गए हैं। साथ ही अमेरिका की एमआईटी यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन की शेफील्ड हेलम यूनिवर्सिटी, एनएलयू नई-दिल्ली व टीआईएसएस मुंबई के साथ हुए एमओयू प्रमुख हैं। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर डीजीपी रिसर्च सेल में जेण्डर रिसोर्स सेंटर स्थापित किया गया है। इसमें बिट्रिश हाई कमीशन एफ एक्स बी इंडिया सुरक्षा नामक संस्थान से जुड़कर पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान में सहयोग प्राप्त होगा। इसी वर्ष पुलिस मुख्यालय और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्था के मध्य अनुबंध हुआ है। संस्थान बालिकाओं के अपहरण तथा व्यपहरण के मामलों की रोकथाम का अध्ययन कर सुझाव देने का कार्य करेगा।
पुलिसकर्मियों के बच्चों के लिए नवीन शिक्षा निधि नियम बनाए गए जिससे निजी संस्थानों में अध्ययन करने वाले पात्र बच्चे भी लाभांवित हो सकेंगे। पुलिस मुख्यालय में इंद्रधनुष झूलाघर प्रारंभ किया गया है। साथ ही भविष्य में सभी पुलिस इकाईयों में आवश्यकता अनुसार झूलाघर खोलने का कार्य किया जाएगा। पुलिस परिवार के बच्चों को जॉब ओरिएन्टेड कोर्स कराने के लिए हाल ही में पुलिस आईटीआई भोपाल और स्कूल ऑफ ब्रॉडकॉस्टिंग एण्ड कम्यूनिकेशन (एसबीसी) मुंबई के मध्य एमओयू हुआ।
e-DSR Portal के माध्यम से, विभिन्न अपराधों की headwise DSR रिपोर्ट एक ही क्लिक पर प्राप्त करने की सुविधा प्रारंभ की गई है। e-FIR सेवा के माध्यम से प्रदेश में समस्त नागरिकों को ऑनलाइन FIR दर्ज करने की सुविधा प्रारंभ की गई है। “e-Vivechna App” को विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से विवेचकों को मौके पर अपराध का अनुसंधान, त्वरित एवं सरल तरीके से करने में सुविधा हुई है एवं अनुसंधान में पारदर्शिता आई है। केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस को ICJS अवॉर्ड वर्ष 2022 से पुरूस्कृत किया गया है। ICJS में “Five Pillars of Criminal Justice System” जिसमें Police, Prisons, Prosecutions, Forensic & Court के बीच बेहतर समन्वय एवं Data के आदान-प्रदान हेतु Software तैयार किया गया है। ICJS में मध्यप्रदेश का प्रदर्शन अन्य सभी राज्यों से बेहतर रहा है।
DSCI ( Data Security Council of India ) द्वारा वर्ष 2020 का सायबर अपराधों संबंधी प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु ‘’केपेसिटी बिल्डिंग अवार्ड-2020’’ तथा उत्कृष्ट अनुसंधान कार्य हेतु ‘’सायबर कॉप ऑफ द ईयर-2020’’ मध्यप्रदेश को प्रदान किये गये हैं। गृह मंत्रालय, भारत सरकार की संस्था I4C(Indian Cyber Crime Coordination Center ) द्वारा इंटरनेशनल क्रिप्ट्रो करेंसी रैकेट केस का खुलासा करने हेतु राष्ट्रीय स्तर का ‘’बेस्ट केस स्टडी अवार्ड-2021’’ मध्यप्रदेश को प्रदान किया गया।
माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुक्रम में विगत वर्षों में विभिन्न स्तरों की पदोन्नति प्रक्रिया रूकी होने से विभाग में समुचित कार्यदक्षता सुनिश्चित करने हेतु उच्चतर पद का कार्यभार दिया गया, जिससे 16561 अधिकारियों/कर्मचारियों (उपुअ-149/ निरीक्षक-697/ उपनिरीक्षक 1302/सउनि- 3500/ प्र.आर. -10913) को उच्चतर पद का प्रभार का लाभ मिला है।
माननीय मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में 50 बैड की क्षमता का पुलिस अस्पताल 23वीं एवं 25 वीं वाहिनी विसबल परिसर भोपाल के निर्माण के संबंध में प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति और प्रदेश की जनता को उत्कृष्ट पुलिस सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की प्रतिबद्धता का ही परिणाम है कि प्रदेश के दो महानगरों भोपाल और इंदौर में पुलिस आयुक्त प्रणाली 09-12-2021 को लागू हो गई है। शासन की मंशानुरूप पुलिस आयुक्त प्रणाली देशभक्ति-जनसेवा का उत्कृष्ट प्रतिमान स्थापित करेगी। मध्यप्रदेश पुलिस कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण के साथ-साथ सामाजिक प्रतिबद्धता से निरंतर अपने कार्यों को न्यायपूर्ण तटस्थता, पारदर्शिता और पराक्रम से अंजाम देती रहेगी।
पुलिस में सेवा एक चुनौतिपूर्ण कार्य है। परिवार और व्यक्तिगत कार्यों के लिए भी प्राय: समयाभाव रहता है। आप सभी ने हर शासकीय दायित्व के निर्वहन को पूरा करने में समर्पण और निष्ठा से साथ दिया इसके लिए आभारी हूँ। मुझे गर्व है कि मैं मध्यप्रदेश पुलिस परिवार का सदस्य हूँ। आप सभी समर्पित सेवाओं के नित नवीन कीर्तिमान स्थापित करते रहें यही शुभकामनाएं हैं।
सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, भापुसे को परंपरानुसार विविध अधिकारीगण सहित जवानों द्वारा वाहन को खींचकर परेड ग्राउण्ड से प्रस्थान कराते हुए विदाई दी गई।
विदाई परेड के अवसर पर नव नियुक्त पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सैना, विशेष पुलिस महानिदेशक एसएएफ मिलिंद कानश्कर, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसएएफ डी.श्रीनिवास वर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारीगण सम्मिलित हुए।