भोपाल । केंद्र सरकार 15 साल पुराने वाहनों पर सख्ती करने जा रही है।नई स्क्रैप पालिसी के तहत  केंद्र ने पुराने वालों के पंजीयन पर आठ गुना से ज्यादा शुल्क बढा ‎दिया है। कंडम हो चुके पुराने वाहनों को चलन से बाहर किया जाएगा। अगर वाहन की स्थिति ठीक है और वह प्रदूषण के मानकों पर खरे उतरते हैं तो उनका दोबारा पंजीयन करने की सुविधा रहेगी। हालांकि इसके लिए पंजीयन शुल्क आठ गुना ज्यादा तक देना पड़ सकता है। नई पालिसी को नोटिफिकेशन जारी कर 1 अक्टूबर से लागू किया जा सकता है। ऐसा हुआ तो इंदौर में 15 साल पुराने दो पहिया वाहन का पुन: पंजीयन करवाने पर साढ़े चार हजार रुपये तक का शुल्क देना होगा। कारों के लिए यह राशि 7200 तक हो सकती है। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा लिया जाने वाला ग्रीन टैक्स भी चुकाना होगा। बता दें ‎कि अभी फिलहाल 15 साल से अधिक पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं कराया है तो यातायात पुलिस जुर्माना लगाती है। इसके तहत दो पहिया वाहनों से 2000 रुपये वसूले जाते हैं और चार पहिया वाहन (कार, जीप, एसयूवी) से 3000 रुपये। एजेंटों के अनुसार अभी बाइक के पुन: पंजीयन पर करीब 650 रुपये शुल्क के साथ करीब दो हजार रुपये ग्रीन टैक्स भी चुकाना होता है, जबकि कार में पुन: पंजीयन शुल्क करीब 900 रुपये और 5000 रुपये ग्रीन टैक्स है। नया नियम आने पर शुल्क बढ़ जाएगा। जबकि ग्रीन टैक्स पहले की ही तरह रहेगा। उधर परिवहन विभाग ने इस साल की शुरुआत से जून तक प्रदूषण फैलाने पर केवल 13 वाहनों के खिलाफ ही कार्रवाई की है। शहर में वायु प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। इसे लेकर परिवहन विभाग से जानकारी मांगी गई थी।  

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