भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना से अर्थव्यवस्था चौपट हो गई, खजाने खाली हो गए, कईयों के रोजगार चले गए। अब सहकारी आंदोलन से ही इन्हें पुनर्जीवित किया जा सकता है। सहकारी आंदोलन से ही भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।  वे अंतरराष्टÑीय सहकारिता दिवस पर अपैक्स बैंक में सहकारिता  प्रतिनिधियों से संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की जड़ों में सहकारिता है। हम का भाव ही सहकारिता है।

सामूहिक परिवार एक सहकारिता ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को हमने सहकारिता से ही समाप्त किया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद कहां से आ रही कहां से जा रही। इसकी मॉनिटरिंग हो रही है यही पारदर्शिता जरूरी है। सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री हमारे सहकारिता पुरुष है।  हम अब उद्यानिकी संघ बनाने पर विचार कर रहे है। खनिज के काम में सहकारिता की सहभागिता पर विचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रारंभ में  55 नवीन गोदामों का आॅनलाईन लोकार्पण किया। 114 गोदामों का उन्होंने आॅनलाइन शिलान्यास भी किया। इसके अलावा सहकारिता विभाग के मैन्युअल का विमोचन भी मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री ने किया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेशभर के सहकारी प्रतिनिधियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संवाद किया और उनकी समस्याएं जानी। रामनारायण कोतवाल हजारी ने बताया कि उनकी संस्था आलू का संग्रह करती है और कोल्ड स्टोरेज भी उनके पास है। सीएम ने उनसे पूछा कि कोल्ड स्टोरेज के लिए पर्याप्त आलू मिल जाता है। सीहोर से कैलास चंद से मुख्यमंत्री  ने पूछा सब सामान मिल रहा है, राशन पर्याप्त मिलता है। लटेरी विदिशा से मुकेश शर्मा से भी उन्होंने बात की। चर्चा के बाद उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि प्रदेश में सहकारिता के काम बढ़िया ढंग से चल रहे है।

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