भोपाल मध्य प्रदेश में अक्टबूर के पहले सप्ताह में तीन संभागों में झमाझम बारिश होने उम्मीद है, इस दौरान शेष संभागों में भी हल्की बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है. मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि बंगाल की खाड़ी से साइकोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हो रहा है, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश में 30 सितंबर से हल्की बारिश का दौर शुरु हो सकता है. इस सिस्टम का सबसे ज्यादा असर जबलपुर, शहडोल और रीवा संभाग में दिखेगा, यहां मध्यम से तेज बारिश होगी, जबकि उज्जैन, इंदौर, भोपाल में इस सिस्टम का ज्यादा असर नहीं होगा.

मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी में 29 सितंबर से साइकोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव हो रहा है. इसकी वजह से 30 सितंबर तक लो प्रेशर एरिया बनेगा. इस सिस्टम की वजह से एक फिर बार से मध्य प्रदेश में बारिश का दौर शुरु हो जाएगा. मौसम विभाग के अनुसार अक्टूबर के पहले सप्ताह में प्रदेश के कई जिलों में मध्यम से भारी दर्जे की बारिश की उम्मीद है.

औसत बारिश का आंकड़ा पूरा
इधर मध्य प्रदेश में बारिश के कोटे की बात करें, तो पूरे प्रदेश में लगभग औसत कोटे की बारिश हो चुकी है. अब तक औसत 37.05 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि औसत 37.12 मिमी बारिश होनी चाहिए. प्रतिवर्ष औसत बारिश को देखा जाए,  तो इस औसत बारिश में मामूली अंतर है. भारी बारिश से मध्य प्रदेश के कई जिलों में नदी, तालाब और डैम सभी लगभग लबालब भरे हुए हैं.

यह जिले रहे टॉप पर
बारिश के मामले में अब तक नरसिंहपुर जिला टॉप पर चल रहा है. यहां औसत से ज्यादा 51 मिमी बारिश अब तक रिकार्ड की जा चुकी है, जबकि बुरहानपुर, झाबुआ, खरगोन, नरसिंहपुर, सिवनी, निवाड़ी, रतलाम, भिंड, उज्जैन, राजगढ़, धार, अलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, कटनी, छिंदवाड़ा, देवास, श्योपुरकलां, हरदा, बैतूल और अनूपपुर जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है. हालांकि सीहोर, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी, शिवपुरी, दतिया, सागर, टीकमगढ़, नीमच, आगर मालवा, मुरैना और शहडोल जिले में सामान्य से 90 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है, यहां औसत बारिश का कोटा पूरा होना अभी बाकी है. इस दौरान सतना, अशोकनगर, रीवा और सीधी जिले में सबसे कम बारिश हुई है.