भोपाल । अभा कांग्रेस के प्रवक्ता, सांसद शक्ति सिंह गोहिल एवं प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष, पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि 13 सितंबर, 2021 को अडानी मुंद्रा पोर्ट पर 3,000 किलो हेरोइन ड्रग्स – कीमत 21,000 करोड़ – पकड़े जाने का सनसनीखेज खुलासा सामने आया है। यह हेरोईन ड्रग्स ‘सेमीकट टेलकम पावडर’ की फर्जी ब्रांडिंग से मेसर्स हसन हुसैन लिमिटेड, अफगानिस्तान द्वारा ईरान के माध्यम से भारत भेजे गए। यह ड्रग्स आशी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से मंगवाए गए तथा आशी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक, गिरफ्तार किए गए दंपत्ति – सुधाकर मच्छावरम व श्रीमती गोविंद राजू वैशाली को कथित तौर से मात्र ₹4 लाख का भुगतान इंपोर्ट व हैंडलिंग एजेंट के तौर पर किया गया। असल ‘ड्रग माफिया’ कौन है, उसका चेहरा बेनकाब ही नहीं हुआ।
पर अब दुनिया का सबसे बड़ा हेरोईन ड्रग्स खुलासा सामने आया है।

 9 जून, 2021 को भी अडानी मुंद्रा पोर्ट से आशी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से अफगानिस्तान की मेसर्स हसन हुसैन लिमिटेड ने 25,000 किलो हेरोईन ड्रग्स ‘सेमीकट टेलकम पावडर’ के नाम से आयात किए थे। इसकी कीमत 1,75,000 करोड़ है। यह हेरोईन ड्रग्स पकड़े ही नहीं गए व अब देश के बाजार में हैं और हिंदुस्तान के नौजवानों को नशे की आग में झोंक रहे हैं। यह अपने आप में राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा भी है।
सवाल ये है कि देश में कौन मगरमच्छ है जो 21,000 करोड़ और ₹1,75,000 करोड़ की दुनिया की सबसे अधिक हेरोइन ड्रग्स मंगवा रहा है। जिस आशी ट्रेडर्स के आयात-निर्यात के लाइसेंस पर यह माल मंगाया जा रहा है, वह तो तथाकथित तौर से छोटे-मोटे कमीशन एजेंट्स बताए जा रहे हैं। साफ है कि एक बहुत बड़ा ड्रग माफिया सरकार की नाक के नीचे फल-फूल रहा है।
देश और दुनिया के इतने बड़े ड्रग्स रैकेट का खुलासा होने के बावजूद प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पूरी तरह से चुप हैं।
क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगेः-
1. 1,75,000 करोड़ के 25,000 किलो हेरोइन ड्रग्स कहाँ गए?
2. नार्कोंटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, डीआरआई, ईडी, सीबीआई, आईबी, क्या सोए पड़े हैं या फिर उन्हें मोदी जी के विपक्षियों से बदला लेने से फुर्सत नहीं?
3. क्या यह सीधे-सीधे देश के युवाओं को नशे में धकेलने का षड़यंत्र नहीं?
4. क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं, क्योंकि यह सारे ड्रग्स के तार तालिबान और अफगानिस्तान से जुड़े हैं?
5. क्या ड्रग माफिया को सरकार में बैठे किसी सफेदपोश का और सरकारी एजेंसियों का संरक्षण प्राप्त है?
6. अडानी मुंद्रा पोर्ट की जांच क्यों नहीं की गई?
7. क्या प्रधानमंत्री और सरकार देश की सुरक्षा में फेल नहीं हो गए हैं? क्या ऐसे में पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज का कमीशन बना जांच नहीं होनी चाहिए?

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