झांसी । डीआरएम झांसी संदीप माथुर ने कोटरा-डबरा के मध्य किलोमीटर संख्या 1176/02-28 पर सिंध नदी खतरे के निशान से ऊपर देर रात रेल प्रशासन सतर्क हो गया तथा त्वरित रूप से अधिकारियों एवं इंजीनियरों की टीम सिंध नदी के जल स्तर पर नजर रखने तथा ट्रैक की सुरक्षा और संरक्षा के लिए रवाना हुई . मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर सहित अन्य अधिकारी मंडल नियंत्रण कार्यालय पहुंचे , तथा हालातों पर निरंतर नज़र बनाए रखी I जलस्तर खतरे ऊपर जाने पर रात्रि दिनांक 03/04.08.21 को लगभग 23.45 बजे से 01.57 तक डाउन लाइन(दिल्ली की ओर) पर ट्रेनों का सञ्चालन बाधित रहा उसके पश्चात् कॉशन (निर्धारित रेल गति के साथ ) रेल सञ्चालन शुरू किया गया . अप दिशा का ट्रेन सञ्चालन यथावत बना रहा . आज दिनांक 04.08.21 को मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर ने सिंध नदी के रेल ब्रिज का निरीक्षण किया. इसके साथ ही रेल अधिकारीयों और इंजीनियर्स की टीम को संरक्षित सञ्चालन हेतु आवश्यक दिशा – निर्देश दिये.

संरक्षा की दृष्टि से गाडी सं 01807 झाँसी-आगरा तथा गाडी सं 01808 आगरा-झाँसी आज दिनांक 04.08.21 को रद्द किया गया है I

झाँसी मंडल द्वारा की गयी रेल राजस्व की बचत

मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर के दिशा-निर्देशन में झाँसी मंडल द्वारा जून माह में में मध्य प्रदेश क्षेत्र से रु.2.62 करोड़ की बिजली व्यय में राजस्व बचत की गयी है । उक्त बचत मध्य प्रदेश क्षेत्र के 04 ट्रैकशन सब स्टेशन हेतमपुर, ग्वालियर, दतिया एवं बसई के माध्यम से, खुले बाजार से बिजली खरीद से संभव हुई है । इस बचत में पूर्व में मंडल द्वारा बिजली चुनिन्दा माध्यम से ही ली जाती थी, जिसके फलस्वरूप हमें उनकी तय की गयी दरों के अनुसार ही भुगतान करना पड़ता था, परन्तु अब खुले बाजार से बिजली खरीदने पर खुली स्पर्धा के चलते कम दरों में बिजली उपलब्ध हो सकी है ।

   मंडल में उत्तर प्रदेश क्षेत्र के अंतर्गत वर्तमान में 11 ट्रैक्शन सब स्टेशन; ललितपुर, मुस्तरा, मोठ, सरसोकी, लालपुर, रागौल, घाटमपुर, उदयपुरा, खोह एवं डिंगवाही तथा मध्य प्रदेश क्षेत्र के 04 ट्रैक्शन सब स्टेशन; दतिया, हेतमपुर, ग्वालियर एवं बसई के माध्यम से राजस्व की बचत की जा रही है ।

इसी प्रकार माह जुलाई 2021 में हाई स्पीड डीजल खपत में भी रिकॉर्ड रुपये 93 लाख की बचत है I इस वर्ष में अब तक कुल रू. 3.13 करोड़ के राजस्व की बचत हाई स्पीड डीजल के कम इस्तेमाल से की जा चुकी है। उक्त बचत से हमारे उर्जा स्रोत की बचत बल्कि मंडल को रेल राजस्व की भी अभूतपूर्व बचत की गयी । उक्त बचत डीजल के स्थान पर बिजली के अधिकतम उपयोग से संभव हो सकी है । डीजल की बचत के साथ ही तकनीक का उपयोग एवं उचित प्रबंधन से रेल राजस्व में बचत हुई।

वर्तमान में मंडल के अधिकाँश खंड विद्युतिकृत हैं और खुले बाजार से बिजली खरीद करने पर सस्ती बिजली उपलब्ध होने से यह राजस्व की बचत संभव हो सकी है । नयी तकनीक युक्त थ्री फेज लोको (ABB लोकोमोटिव) के प्रयोग से मंडल ने 40,54,630 यूनिट बिजली की बचत की है, जिसको यदि रु.5.31 प्रति यूनिट से आँका जाए तो यह रु. 2.15 करोड के रेल राजस्व की बचत है I

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