कहा जाता है कि अगर अपनी बॉडी को हाइड्रेट रखना है तो पर्याप्त मात्रा में रोजाना पीना चाहिए. बहुत से लोगों का मानना है कि एक दिन में 6 से 8 लीटर पानी चाहिए. लेकिन ये फार्मूला हृदय रोगियों पर लागू नहीं होता. क्योंकि उन्हें कम पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसके कई कारण हैं. आइए जानते हैं कि आखिर हृदय रोगियों को क्यों कम  और कितना पानी पीना चाहिए.

हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि हार्ट के मरीजों को सोडियम और पोटेशियम सहित इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए होता है. ऐसे में कई बार जरूरत से ज्यादा पानी पीने से ये बैलेंस बिगड़ जाता है. इसका असर किडनी पर पड़ता है. और अगर किडनी सुचारू रूप से काम न कर रही हो तो ये इसका दुष्परिणाम देखने को मिल सकता है.

सांस चढ़ने की परेशानी
डॉक्टरों और हेल्थ विशेषज्ञों का कहना है कि जब हम पानी पीते हैं तो हार्ट पंपिंग वॉटर इनटेक के प्रोसेस को संभालने का काम करती है. बहुत से मरीजों की हार्ट पंपिंग सुचारू रूप से काम नहीं करती. हृदय रोगियों को पानी की साधारण मात्रा लेने में परेशानी हो सकती है. ज्यादा पानी पीने से लेटने के दौरान सांस चढ़ने की दिक्कत हो सकती है. इसलिए हृदय रोगियों को कम पानी पीना चाहिए. 

हृदय रोगियों को कितना पानी पीना चाहिए?
 हेल्थ एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों की मानें तो हृदय की बीमारी से जूझ रहे मरीजों को दिनभर में 1.5 लीटर से अधिक पानी नहीं पीना चाहिए. मौसम के अनुसार बात करें तो गर्मियों में हार्ट के मरीजों को अधिकतम 2 लीटर पानी पीना चाहिए.