भोपाल । भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम एक-दो दिन में लागू होने की उम्मीद है।

राज्य शासन ने इसकी अधिसूचना का ड्राफ्ट फाइनल कर लिया है। अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

सिस्टम के अस्तित्व में आने के साथ ही दोनों शहरों के पहले पुलिस कमिश्नर व अन्य अफसरों की पोस्टिंग का आदेश भी जारी किया जाएगा।

मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री 13 दिसंबर को बनारस जाएंगे। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक लेंगे। इसमें राज्यों के नवाचार व विकास के कामों का प्रेजेंटेशन होगा। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के बनारस जाने से पहले दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो जाएगा।

दूसरी तरफ अफसरों में चर्चा है कि आईएएस लॉबी के अप्रत्यक्ष तौर पर पुलिस कमिश्नर सिस्टम का विरोध किया जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग के कमिश्नर बीपी सिंह ने इस ओर इशारा भी किया था। उन्होंने कहा था कि इसी माह होने वाली आईएएस सर्विस मीट को स्थगित किए जाने की वजह कोरोना की संभावित तीसरी लहर मुख्य वजह नहीं है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम दो-दिन में लागू करने की तैयारी है, जबकि एक वरिष्ठ पुलिस अफसर के मुताबिक मुख्यमंत्री को यह फीडबैक दिया गया है कि यदि पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया जाता है। इस बीच कोरोना की तीसरी लहर आती है, तो वैधानिक कार्यवाही जैसे 144 धारा लागू करना समेत अन्य वैधानिक प्रक्रिया करने का अनुभव पुलिस के पास नहीं होने से दिक्कत आ सकती है। ऐसे में फिलहाल नए सिस्टम को टाला जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और डीजीपी विवेक जौहरी के साथ प्रस्तावित ड्राफ्ट मंत्रालय में 1 दिसंंबर को बैठक की। करीब आधे घंटे चली बैठक में दोनों अफसरों ने नए सिस्टम के ड्राफ्ट में किए प्रावधानों की सिलसिलेवार जानकारी दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्राफ्ट को फाइनल करने के लिए एक बैठक और की जाएगी, ताकि कमी या खामी ना रह जाए। अगली बैठक 4 दिसंबर के बाद होगी, लेकिन यह यह बैठक 7 दिसंबर तक नहीं हो पाई।

बता दें कि भोपाल के 32 थाने और इंदौर के 34 थाना क्षेत्रों में यह पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की तैयारी है। गृह विभाग ने दंड संहिता की धारा 107/16, 144,133, पुलिस एक्ट, मोटर व्हीकल अधिनियम, राज्य सुरक्षा अधिनियम, शासकीय गोपनीयता, अनैतिक देह व्यापार, राज्य सुरक्षा जिला, किडनैप आदि के अधिकार पुलिस को देने का प्रस्ताव तैयार किया है।