भोपाल । महिला डॉक्टर रिचा पांडे को खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोप में जेल में बंद पति अभिजीत पांडे चार साल से एमपी नगर में बगैर अनुमति के क्लीनिक संचालित कर रहा था। वह क्लीनिक में सौंदर्य बढ़ाने का इलाज करता था। साथ ही त्वचा और बाल के इलाज के लिए कई प्रकार की प्रतिबंधित दवाएं भी लोगों को बेच रहा था।
क्लीनिक की जांच कर रही प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम को अभिजीत पांडे के पास से डॉक्टर की डिग्री भी नहीं मिली है। टीम ने शुक्रवार को जांच पूरी कर ली है, रिपोर्ट को जल्द ही कलेक्टर और पुलिस के पास भेजा जाएगा। जिसके बाद आरोपित डॉक्टर के विरुद्ध प्रकरण दर्ज होगा।
स्टोर रूम में घुस रहे थे अज्ञात लोग
रिचा पांडे की मौत के बाद स्वजनों ने उनके पति अभिजीत के क्लीनिक में अवैध गतिविधियां संचालित होने का आरोप लगाया था। स्वजनों के आरोपों को लेकर कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम एलके खरे के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई थी। जिसने तीन अप्रैल को अभिजीत के एमपीनगर स्थित चित्तौड़ काम्पलेक्स में संचालित क्लीनिक की तलाशी ली थी, जिसमें रजिस्ट्रेशन नहीं होना पाया गया था।
तहसीलदार आलोक पारे ने बताया कि बुधवार को कुछ अज्ञात लोग क्लीनिक के स्टोर रूम में घुसकर सामान निकालने का प्रयास कर रहे थे। आसपास के लोगों ने विरोध किया तो वे भाग गए, वहीं जानकारी मिलने पर प्रशासन की टीम ने स्टोर रूम में सर्चिंग की तो प्रतिबंधित दवाएं मिलीं। साथ ही अवैध संचालन की पुष्टि हुई।
यह था मामला
बता दें आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर रिचा पांडे 22 मार्च को शाहपुरा स्थित घर में बंद कमरे में मृत अवस्था में मिली थीं। बाद में पीएम रिपोर्ट में सस्पेक्टेड पाइजन से मौत की पुष्टि हुई थी। पुलिस को उनके मोबाइल से डिजीटल सुसाइड नोट मिला था, जिसमें उन्होंने अभीजित के विवाहेत्तर संबंध होने की बात लिखी थी।
असिस्टेंट प्रोफेसर थी रिचा
पुलिस ने अभिजीत के विरुद्ध खुदकुशी को उकसाने का केस दर्ज कर जेल भेज दिया था। मूलत: लखनऊ निवासी 32 वर्षीय ऋचा पांडे ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद जीएमसी भोपाल से एनेस्थीसिया से एमडी किया था। वर्तमान में वह आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। करीब पांच महीने पहले उनकी सतना निवासी अभिजीत पांडे से शादी हुई थी।
भोपाल में फर्जी क्लीनिकों पर हो रहा एक्शन
दमोह में सात लोगों की जान लेने वाले फर्जी डॉक्टर के मामले के बाद प्रदेश में अवैध रूप से क्लीनिक चलाने का बड़ा मामला भोपाल से सामने आया है। यहां बेपरवाह स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे कई सालों से अवैध क्लीनिक चल रहा था। हालांकि दमोह मामले के बाद सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य की टीम ने शहर के कुछ फर्जी क्लीनिकों पर शुक्रवार को कार्रवाई की है।