भोपाल। भोपाल के जेपी अस्पताल के कैंपस में ही रह रहे एक डॉक्टर ने शनिवार सुबह फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पहले उन्होंने वायर से फंदा बनाया, लेकिन नाकाम होने पर उन्होंने डॉग की रस्सी से फांसी लगा ली। डॉक्टर की पहचान एचएल भूरिया के रूप में हुई। वे पैथॉलोजी लैब में पदस्थ थे। हालांकि, सुसाइड नोट नहीं मिलने के कारण खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल पाया है। सूचना मिलते ही हबीबगंज पुलिस मौके पर पहुंच गई।
पुलिस के अनुसार सागर के रहने वाले 63 साल के डॉक्टर एचएल भूरिया जेपी अस्पताल की पैथॉलोजी में पदस्थ थे। वे यहां पर अकेले ही रह रहे थे। शनिवार सुबह 7 बजे घर पर खाना बनाने वाला लड़का पहुंचा, तो भूरिया फंदे पर लटके मिले। डॉक्टर की पत्नी सरोज भूरिया सागर जिला अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ है। डॉक्टर भूरिया भी पहले सागर में पदस्थ रहे हैं। सागर से उनका पहले खुरई और फिर भोपाल ट्रांसफर हुआ था। लगातार ट्रांसफर के कारण उनकी पैथोलॉजी लैब भी बंद हो गई थी। ट्रांसफर के कारण परेशानी की बात भी सामने आ रही है।
सुसाइड से पहले वॉट्सएप मैसेज किया
भूरिया के करीबियों ने बताया कि डॉक्टर भूरिया ने सुबह 3.47 बजे अपने पैथालॉजी के वॉट्सएप ग्रुप में मैसेज किया। इसमें उन्होंने लिखा कि खून का थक्का जम रहा है। हालांकि, यह मैसेज किसने देखा यह पता नहीं चल पाया। सुबह जब पुलिस पहुंची तो वे फंदे पर मिले। एक तार सीलिंग फेन पर बंधा था, जबकि उसी के बाजू से डॉग को बांधने वाली रस्सी का फंदा था। भूरिया ने उसी से फांसी लगाई थी।