बेंगलुरू से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां एक 36 साल की मनोचिकित्सक को 2020 में एक नवजात बच्चे के अपहरण और उसे बेचने के आरोप में अब कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। यह मामला एक बड़े फर्जी सरोगेसी धोखाधड़ी का हिस्सा था। आइए जानें पूरा मामला क्या था।
14.5 लाख रुपये में एक दंपति को बेच दिया
दरअसल, 2020 में, रश्मि शशिकुमार, जो एक मनोचिकित्सक हैं, ने एक नवजात लड़के का अपहरण किया और उसे 14.5 लाख रुपये में एक दंपति को बेच दिया। इस पूरे मामले में रश्मि शशिकुमार को आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने रश्मि को 10 साल की कठोर सजा सुनाई, साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। फैसला सुनाए जाने के समय रश्मि जमानत पर बाहर थीं, लेकिन जैसे ही फैसला आया, उन्हें बेंगलुरू सेंट्रल जेल भेज दिया गया। अदालत ने उन्हें हिरासत में लिया और अब वह जेल में हैं।
फर्जी सरोगेसी की साजिश
आपको बता दें कि यह मामला पूरी तरह से एक फर्जी सरोगेसी योजना के तहत रचा गया था। 29 मई 2020 को, चामराजपेट के BBMP अस्पताल से एक नवजात बच्चा चोरी हो गया था। उस वक्त बच्चे की मां दवाई लेकर सो रही थी और जब वह उठी तो देखा कि बच्चा वहां नहीं था। इसके बाद उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, और पुलिस ने बच्चा खोजने की कोशिश शुरू की।
पुलिस की छानबीन और एक साल का इंतजार
पुलिस ने बच्चे को तलाशने में एक पूरा साल लगा दिया। आखिरकार, 29 मई 2021 को पुलिस को बच्चे का सुराग मिला। यह बच्चा एक परिवार के पास था, जो कर्नाटक में रहते थे। जब यह परिवार बच्चे के पहले जन्मदिन के मौके पर पहुंचे, तब उन्होंने असलियत को जाना। उन्हें बताया गया था कि यह बच्चा उनके ही है, और उन्हें यह विश्वास दिलाया गया था कि यह बच्चा सरोगेसी के जरिए हुआ है।
सजा और अदालत का फैसला
वहीं अब इस मामले में अदालत ने रश्मि शशिकुमार को 10 साल की कठोर सजा सुनाई और 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। यह मामला एक गंभीर अपराध था, क्योंकि एक नवजात बच्चा चोरी करके एक दंपति को बेचा गया था, जो उसे अपना बच्चा मान रहे थे। इस घटना ने फर्जी सरोगेसी की योजना को उजागर किया, जो अन्य लोगों की भावनाओं और जीवन के साथ खेलता है। यह मामला हमें यह दिखाता है कि धोखाधड़ी और अपराध कैसे लोगों की जिंदगी में गहरे घाव छोड़ सकते हैं। मनोचिकित्सक रश्मि शशिकुमार ने अपने पेशे का गलत इस्तेमाल किया और एक नवजात बच्चे के अपहरण और बेचने जैसी अपराधों को अंजाम दिया। अदालत ने उसे सजा दी, जो इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।