रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा में पहले नियम विरुद्ध काम करने के लिए अथवा तत्काल काम करने के लिए रिश्वत ली जाती थी परंतु अब नियमानुसार काम करने के लिए भी रिश्वत ली जाती है। लोकायुक्त पुलिस ने संजय गांधी स्मृति हास्पिटल के प्रभारी सीएमओ डॉ. अलख प्रकाश सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि मारपीट में घायल हुए एक युवक की सही मेडिकल रिपोर्ट बनाने के बदले 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।

लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि रामपुर कर्चुलियान तहसील के 165 गोरगांव निवासी अमित तिवारी ने कुछ दिन पहले डॉक्टर अलख प्रकाश सिंह की शिकायत की थी। अमित तिवारी ने कहा कि मारपीट में उसके सिर पर गंभीर चोट आई है। इस चोट का एमएलसी में जिक्र करने के लिए डॉक्टर अपने अटेंडर रणजीत अग्निहोत्री के माध्यम 20 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं।

अमित ने बताया कि अलख प्रकाश ने पहले 5 हजार रुपए ले चुके है। फिर कुछ दिन बाद सत्यापन के दिन आरोपी डॉक्टर ने बातचीत करते समय फिर से 5 हजार ले लिए। अब 10 हजार के लिए परेशान कर रहे हैं। ऐसे में जब लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ने शिकायत की गोपनीय जांच कराई तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद ट्रैपिंग के लिए गुरुवार का दिन तय किया गया।

डॉ. अलख प्रकाश सिंह का क्लीनिक सिरमौर चैराहा स्थित तानसेन कॉम्प्लेक्स में है। आज अटेंडर रणजीत अग्निहोत्री के माध्यम से 10 हजार की रिश्वत लेते अलख सिंह को लोकायुक्त ने पकड़ लिया। इसके बाद लोकायुक्त की टीम अलख सिंह को संजय गांधी स्मृति हास्पिटल के सीएमओ कार्यालय स्थित आकस्मिक चिकित्सा अधिकारी के कक्ष पर ले गए, जहां से एमएलसी जब्त की गई।

लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि दूसरी टीम क्लीनिक में डेरा जमाए है। अलख प्रकाश सिंह का मूल पद मेडिकल आफिसर है। अन्य चिकित्सकों की गैर मौजूदगी में सीएमओ पद पर बीच-बीच उनकी ड्यूटी लगती थी।

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