नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आज बड़ा फैसला लिया गया है। मोदी सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिवाली का तोहफा दे दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने महंगाई भत्ते में तीन फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है जिससे केंद्र सरकार के 50 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
जानकारी के अनुसार सरकार ने 1 जुलाई, 2021 से महंगाई भत्ते को 28 फीसदी बढ़ाया था, जो उस वक्त 17 फीसदी से 11 फीसदी ज्यादा था, लेकिन, 1 जनवरी, 2020 से लेकर 30 जून, 2021 तक की अवधि के लिए डीए 17 फीसदी ही रखे जाने का फैसला किया गया था। सरकार ने डीए को रेट्रोस्पेक्टिव तरीके से बढ़ाया, यानि कि इसमें पिछली किस्तों को छोड़कर आगे की किस्तों में बढ़ोतरी लागू की गई।
बता दें कि महंगाई भत्ता कर्मचारियों के वेतन के आधार पर दिया जाता है। शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों में नौकरी करने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता अलग-अलग होता है। डियरनेस अलाउंस की गणना मूल सैलरी पर होती है। महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक फार्मूला तय किया गया है, जोकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से तय होता है।
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों के रहन सहन के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए मुहैया कराया जाता है। महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर पर किसी तरह का स्तर ना पड़े इस इसलिए इसमें बढ़ोतरी की जाती है। यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है।
इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी। उस वक्त इसे खाद्य महंगाई भत्ता या डियरनेस फूड अलाउंस कहते थे। भारत में मुंबई में साल 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा।