कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह लोकसभा चुनाव में दो-दो हाथ करते नजर आएंगे। वह मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट से ताल ठोकेंगे। कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में ये महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। बैठक में अरुण यादव की उम्मीदवारी का भी ऐलान किया गया। उन्हें गुना सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ाने की तैयारी है।

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों लोकसभा चुनाव न लड़ने से ऐलान कर दिया था। इसके बाद कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अपनी उम्र का हवाला और नई पीढ़ी को मौका देने का तर्क देते हुए लोकसभा चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय ले लिया था। इसके बाद से ही सवाल उठ रहे थे। अब कांग्रेस की चुनाव समिति की बैठक में दिग्विजय सिंह को उनकी परंपरागत सीट राजगढ़ से चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय लिया गया है।

दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता माने जाते हैं। उन्होंने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रखा था। कांग्रेस ने उन्हें राजगढ़ सीट से चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। ये उनकी परंपरागत सीट मानी जाती है, 1984 से 1994 तक वह राजगढ़ सीट से ही सांसद रहे थे। हालांकि इसके बाद वह राज्य की राजनीति में सक्रिय हुए और राधौगढ़ विधानसभा सीट से लगातार जीत हासिल करते रहे। 2014 में वह राज्यसभा पहुंचे थे। इससे पहले कुछ समय तक वह राजनीति से दूर भी रहे थे।

दिग्विजय सिंह को पिछले चुनाव में भोपाल सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया था। यहां भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इस चुनाव में भी दिग्विजय सिंह को तकरीबन 5 लाख से ज्यादा वोट हासिल हुए थे। इसीलिए जब इस बार दिग्विजय सिंह ने चुनाव लड़ने से इन्कार किया तो पार्टी की ओर से लगातार सवाल उठाए जा रहे थे। यहां तक कहा जा रहा था कि जब बड़े नेता मैदान छोड़ देंगे तो बाकियों का क्या होगा।