भोपाल। जिलों में पदस्थ सरकारी महकमों के अफसर बेलगाम होते जा रहे है। जनजातीय कार्य विभाग ने प्रभारी सहायक आयुक्त पद पर पदस्थ एक महिला अफसर का तबादला किया तो उन्होंने ना तो नवीन ट्रांसफर वाले स्थान पर कार्यभार संभाला और न ही इसके चलते दिए गए नोटिस का कोई जवाब देना उचित समझा। विभाग की प्रमुख सचिव पल्लवी जैन ने महिला अफसर की इस कार्यप्रणाली पर भारी नाराजगी जताते हुए उन्हें निलंबित कर दिया है।
मामला अलीराजपुर जिले का है। यहां की प्रभारी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास मीना मंडलोई का तबादला पिछले साल सितंबर माह में जिला संयोजक कटनी के पद पर किया गया था। ट्रांसफर स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर मीना मंडलोई को नोटिस भी जारी किए गए। इसी साल जून में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन के भीतर स्पष्टीकरण उनसे मांगा गया था। उन्हें चेतावनी दी गई थी कि यदि वे जवाब नहीं देती है तो एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद भी मीना मंडलोई ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। 11 माह बीत जाने के बाद भी उन्होंने नवीन पदस्थापना स्थल पर कार्यभार ग्रहण नहीं किया। ऐसा करके उन्होंने स्वेच्छाचारिता बरती है। इसके चलते सिविल सेवा आचरण नियमों के विरुद्ध कार्य व्यवहार करने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संभागीय उपायुक्त जबलपुर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल की यह सख्त कार्यवाही प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का केन्द्र बन गई है। जिस तरह से एक महिला अफसर की स्वेच्छाचारिता पर लगाम लगाने के लिए एक महिला अफसर होते हुए प्रमुख सचिव ने निष्पक्ष रूप से यह निर्णय लिया उसकी सभी जगह सराहना हो रही है।