रायपुर। जल विधान के साथ हुई धर्मनाथ जिनालय एवं जिनकुशल सूरी दादाबाड़ी प्रतिष्ठा महोत्सव की शुरूआत गुरुवार सुबह हुई। काफी बड़ी संख्या में जैन समाज की श्रावक – श्राविकाएँ दतरेंगा भाठागांव में खारुन नदी के तट पर जल संचयन करने पहुंची थी और वहां से वे श्री संभवनाथ जिनालय विवेकानंद नगर पहुंचीं जहां गच्छाधिपति, आचार्य भगवंत, साधु साध्वी भगवन्तो ने आशीर्वाद प्रदान किया। शुक्रवार को सुबह शोभायात्रा के बाद परमात्मा का जैन दादाबाड़ी में प्रवेश, परमात्मा का पोंखणा व जिन मंदिर प्रवेश व दोपहर पंचकल्याणक पूजा व संध्याआरती व मंगलदीप का कार्यक्रम है।
जल विधान हेतु गच्छाधिपति आचार्य जिन मणिप्रभ सूरीश्वर जी म सा शहर के विभिन्न जिनालयो में दर्शन वंदन हेतु पधारे एवं खरतरगच्छाचर्य प्रवर जिन पियूष सागर सूरी जी म सा दतरेंगा पैदल विहार करके जल विधान हेतु पधारे। गुरु भगवंत ने बताया कि जल विधान किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत के पहले नदी के किनारे किया जाता है क्योकि नदी का जल सदा बहता रहता है और उसमे प्रेम का गुण होता है क्योकि नदी आगे जाकर सागर में मिल जाती है उसे अपने नाम की भूख नहीं होती है, उसी प्रकार प्रेम को ह्रदय में बसा कर ही परमात्मा की प्रतिष्ठा की जा सकती है, साथ ही उन्होंने बताया ही जो उम्र के साथ बढ़ता जावे वो प्रेम है और जो घटता जावे वह राग है इसलिए सभी से प्रेम करे।
गच्छाधिपति श्री जी ने अपने हितोपदेश में बताया कि परमात्मा का हर कार्य जगत के लिए कल्याणकारी होता है और उनके मार्ग पर चलने वाला समस्त समृद्धि को प्राप्त करता है। कल से चालू होने वाले पंच कल्याणक महोत्सव में परमात्मा का च्यवन विधान प्रारम्भ होगा, सुव्रता माता 14 मंगल कारी स्वप्न देखेंगी, गर्भवती माताओं को च्यवन विधान अवश्य श्रवण करना चाहिए इससे आने वाली संतान के मन में भी धर्म के मार्ग में चलने की प्रवृत्ति होती है।
श्री ऋषभ देव मंदिर ट्रस्ट की ओर से बताया गया कि श्री संभवनाथ जिनालय से कल 24 फरवरी को खारुन नदी के शुद्ध जल के साथ मूलनायक धर्मनाथ भगवान, शांतिनाथ भगवान, मुनिसुव्रत स्वामी जी, गौतम स्वामी जी, चारो दादा गुरुदेव आदि सभी परमात्माओं और देवी देवताओं की प्रतिमा को चतुर्विध संघ शोभा यात्रा के साथ नवनिर्मित धवल संगमरमर के पाषाण से निर्मित मनोहारी दादाबाड़ी में प्रवेश करवाएगा। यह शोभा यात्रा विवेकानंद नगर से सदरबाजार, सत्तीबाजार, तात्यापारा, फूल चौक होते हुए एमजी रोड, दादाबाड़ी पहुंचेगी। पूरे शोभायात्रा मार्ग पर श्रद्धालुजन स्वागत वंदन करेंगे। इसके लिए विशेष सजावट भी की गई है।
दादाबाड़ी में पूर्व से स्थापित प्रतिमाओं की भी पुन: विधान क्रिया होगी। इसके लिए मूल जिनालय में वेदी बनाई जावेगी जहां सारी क्रियाये पूर्व में अंजनशालाका हुई परमात्मा को साक्षी रखकर समस्त प्रतिमाओं का अनजान शलाका विधान होगा। प्रतिदिन प्रात: 5.30 बजे से 9.30 बजे तक का विधान एमजी रोड दादाबाड़ी में सम्पन्न होगा।