भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अब पुजारियों-सेवादारों (Now priests and servants) के मानदेय भुगतान (honorarium payment) की शर्तों का निर्धारण किया गया है। शासन संधारित जिन मंदिरों के पास कृषि भूमि नहीं है, उन मंदिरों के पुजारियों को 5 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। जिन मंदिरों के पास पाँच एकड़ तक कृषि भूमि है उन मंदिरों के पुजारियों को हर महीने 2 हजार 500 रुपये दिए जाएंगे।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की उप सचिव पुष्पा कुलेश ने शुक्रवार को बताया कि मानदेय की दरों में संशोधन करते हुए राज्य शासन द्वारा शासन संधारित मंदिरों के पुजारियों, सेवादारों के मानदेय के भुगतान की शर्तो का निर्धारण किया गया है। यह आदेश एक मई 2022 से प्रभावशील होगा।
उन्होंने बताया कि भुगतान की शर्तो ने अनुसार जिन मंदिरों के पास पाँच एकड़ से 10 एकड़ तक कृषि भूमि है, उन मंदिर के पुजारियों को 2 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से भुगतान किया जाएगा। इसी तरह जिन मंदिरों के पास 10 एकड़ से अधिक भूमि है, उन मंदिरों के पुजारियों को अलग से शासन द्वारा कोई मानदेय नहीं दिया जायेगा।