भोपाल । मध्यप्रदेश में एसएएस से आईएएस और एसपीएस से आईपीएस बनाने का रास्ता साफ हो गया है।
संघ लोक सेवा आयोग ने डीपीसी की डेट तय कर दी है। मध्यप्रदेश में राज्य प्रशासनिक सेवा के 18 अफसर आईएएस और राज्य पुलिस सेवा के 11 अधिकारी आईपीएस बनेंगे इसके लिए विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक बीस दिसंबर को आयोजित की जाएगी। संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रदीप जोशी समेत डीओपीटी के एक अधिकारी और राज्य सरकार के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी डीपीसी में शामिल रहेंगे।
मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक संघ लोक सेवा आयोग से सामान्य प्रशासन विभाग और गृह विभाग ने आईएएस, आईपीएस प्रमोट किए जाने के लिए डेट मांगी थी। प्रस्ताव दो महीने से डेट के लिए लंबित चल रहा था।
अब आयोग ने बीस दिसंबर की डेट डीपीसी के लिए दी है। इस बार संघ लोक सेवा आयोग की टीम भोपाल में आकर डीपीसी करेगी। बीस दिसंबर को सुबह सबसे पहले सुबह 11 बजे से एसएएस से आईएएस के लिए डीपीसी होगी। दोपहर तीन बजे से एसपीएस से आईपीएस के लिए डीपीसी होगी। डीपीसी में मुख्य सचिव इकबाल सिंंह बैस दोनो डीपीसी में शामिल होंगे जबकि एसएएस से आईएएस की डीपीसी में जीएडी कार्मिक की प्रमुख सचिव दीप्ती गौण मुकर्जी और राज्य के वरिष्ठ आईएएस शामिल रहेगे। वहीं एसपीएस से आईपीएस की डीपीसी में अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा और डीजीपी विवेक जौहरी शामिल रहेंगे। एसएएस से आईएएस बनाने के लिए 18 पदों पर 54 अफसरों के नामों पर विचार किया जाएगा वहीं एसपीएस से आईपीएस के लिए 11 पदों पर तैतीस अफसरों के नामों पर विचार किया जाएगा।
इनके नामों पर होगा विचार
विनय निगम, वरदमूर्ति मिश्रा, विवेक सिंह, पंकज शर्मा,सुधीर कोचर, रानी बाटड, चंद्रशेखर शुक्ला, नारायण प्रसाद नामदेव, दिलीप कुमार कापसे, बुद्धेश वैद्य, जयेन्द्र कुमार विजयवत, अभय अरविंद बेड़ेकर, अजय देव, नियाज अहमद खान, मनोज मालवीय, नीतू माथुर, अंजू पवन भदौरिया और जमना भिडे सहित कुल 54 अफसरों के नामों पर विचार होगा।
राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति के लिए जिन अफसरों के नामों पर विचार किया जाएगा उनमें प्रकाश चंद्र परिहार, निश्चल झारिया, रसना ठाकुर, संतोष कोरी, जगदीश डाबर, मनोहर सिंह मंडलोई, रामजी श्रीवास्तव, जितेन्द्र सिंह पवार, सुनील तिवारी, संजीव कुमार सिन्हा और संजीव कुमार कंचन सहित 33 अधिकारियों के नामों पर विचार किया जाएगा। अनिल मिश्रा और देवेन्द्र कुमार सिरोलिया को इस बार भी जांच चलने के कारण मौका नहीं मिलेगा।