कानपुर। कानपुर में कहर बरपा रहे डेंगू और वायरल फीवर से रविवार को चार बच्चों समेत छह लोगों की मौत हो गई। इनमें से तीन मासूम हैलट अस्पताल में भर्ती थे। कुरसौली गांव में एक और किशोरी 16 वर्षीय बच्ची जूली ने दम तोड़ दिया। बुखार से ग्रसित दो वयस्कों की सांस हैलट में उखड़ी। हैलट के बाल रोग विभाग में दिमागी बुखार से पीड़ित पांच दिन से भर्ती 15 वर्षीय पवन को गंभीर हालत में मैटरनिटी आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। रविवार तड़के 3.30 बजे उसकी सांसें थम गईं। लाल बंगला के रहने वाले दिनेश के चार वर्षीय पुत्र साहिल को कुछ दिन पहले बुखार आया था। मां लक्ष्मी के मुताबिक बार-बार फीवर आने से हालत बिगड़ी तो हैलट इमरजेंसी में दिखाया। रविवार सुबह 10 बजे के मौत हो गई। महाराजपुर के मुस्ता गांव निवासी पांच दिन के नवजात के अचानक मुंह से ब्लीडिंग शुरू हो गई। हैलट इमरजेंसी में उसकी जान चली गई। रेल बाजार निवासी 50 वर्षीय सिकंदर को सात दिनों से बुखार आ रहा था। पड़ोस के डॉक्टर से दवा लेते रहे, पेट में सूजन आ गई। घरवाले उर्सला लाए तो डॉक्टरों ने जवाब दे दिया। हैलट इमरजेंसी में उसे मृत घोषित कर दिया गया। हनुमान मंदिर बर्रा निवासी 42 वर्षीय विनोद कुमार को हैलट इमरजेंसी में बुखार व निमोनिया की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया थे, पर डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। रविवार को शिविर में 73 मलेरिया नमूनों की जांच की गई। 60 की डेंगू की जांच कराई जा रही है। अहम बात है कि सभी की कोरोना एंटीजन जांच निगेटिव है इसलिए आरटीपीसीआर के नमूने भेजे गए हैं।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया, अधिक गंभीर हालत में बच्चे आ रहे हैं। लोग घर या प्राइवेट अस्पतालों में समय बर्बाद कर रहे हैं। इससे इलाज में दिक्कत आ रही है। बच्चों या वयस्कों के इलाज की सभी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं। मौतें कैसे हो रहीं इस पर विभागाध्यक्ष से जानकारी ले रहे हैं। सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने बताया, कुरसौली गांव में डेंगू से मौत की खबर नहीं है। एक युवती की मौत अधिक ब्लीडिंग से बताई गई है। वहां लगी स्वास्थ्य टीम से जरूरी कदम उठाने को कहा गया है, मैं वहां खुद गया था, हालात नियंत्रण में हैं।

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