भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा 45 सीएम राइज विद्यालयो के लिये 1807 करोड़ 57 लाख रुपये की स्वीकृति दी गई। साथ ही मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालयों में 433 नई पीजी सीट वृद्धि का निर्णय लिया।
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में सीएम राइज योजना के प्रथम चरण में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 275 स्कूल विकसित किये जा रहे हैं। इनमें से 45 स्कूलों के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर परियोजना परीक्षण समिति के समक्ष 7 दिसम्बर 2022 को प्रस्तुत किये गये। विभागीय प्रस्ताव के अनुक्रम में परियोजना परीक्षण समिति की अनुशंसा पर 45 सर्वसुविधायुक्त स्कूलों के निर्माण का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में कुल 9 हजार 200 सीएम राइज स्कूलों का निर्माण किया जाना है। इसकी मंत्रि-परिषद से सैद्धांतिक स्वीकृति जुलाई, 2021 में जारी की जा चुकी है। इसमें से प्रथम चरण में 370 स्कूलों का निर्माण हो रहा है, जिनमें 275 स्कूल शिक्षा विभाग में तथा शेष 95 स्कूल जनजातीय कार्य विभाग अंतर्गत निर्मित हो रहे हैं। पूर्व में मंत्रि परिषद द्वारा 2 हजार 660 करोड़ रुपये की लागत के 73 स्कूलों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
मेडिकल कालेजों के लिए 438 करोड़ 40 लाख रुपये स्वीकृत
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा में 433 नई पीजी सीट वृद्धि का निर्णय लिया। चिकित्सा महाविद्यालय इन्दौर के लिए 192 करोड़ 24 लाख रुपये, चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर के लिए 62 करोड़ 82 लाख रुपये, चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर के लिए राशि 100 करोड़ 66 लाख रुपये तथा चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के लिए 82 करोड़ 68 लाख रुपये, इस प्रकार कुल 438 करोड़ 40 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। इन चिकित्सा महाविद्यालयों के विभिन्न विभागों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए पीजी सीट्स की वृद्धि होने से प्रदेश को प्रत्येक वर्ष अतिरिक्त संख्या में विषय-विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध हो सकेंगे।
आकांक्षा योजना के नये स्वरूप की स्वीकृति एवं निरंतरता को मंजूरी
मंत्रि-परिषद ने जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग प्रतिष्ठित संस्थाओं से संभाग स्तर पर दिये जाने के लिए योजना का अनुमोदन एवं ऑफलाईन कोचिंग को प्रतिवर्ष और ऑनलाईन कोचिंग पायलेट प्रोजेक्ट में आगामी 4 वर्षों के संचालन के लिए वित्तीय भार 30 करोड़ 54 लाख 71 हजार रुपये का अनुमोदन किया। इस योजना में आफलाइन कोचिंग के लिए वर्ष 2022-23 से 2023-24 तक (2 वर्षीय पाठयक्रम अनुसार) 1600 विद्यार्थियों को ऑफलाइन कोचिंग से लाभान्वित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री की घोषणा अनुसार कक्षा 9वीं से 12वीं तक की ऑनलाइन कोचिंग के लिए 10 विशिष्ट विद्यालयों के 25 विद्यार्थियों के मान से 4 वर्षों में कुल 250 विद्यार्थियों को लाभान्वित किये जाने का लक्ष्य है।
ज्ञानोदय विद्यालयों के लिए पदों का सर्जन
मंत्रि-परिषद ने ज्ञानोदय विद्यालयों में सृजित किये गये शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों की पूर्ति की स्वीकृति दी। ज्ञानोदय विद्यालय में स्वीकृत प्रयोगशाला सहायक को प्रयोगशाला शिक्षक (संविदा शिक्षक वर्ग 3) के समकक्ष घोषित किये जाने तथा 10 संभागीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालयों के लिए बालक एवं बालिका छात्रावासों में सहायक अधीक्षकों के 20 अतिरिक्त पद स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन किया गया।
जनजातीय परिवारों के हित में 15 करोड़ 75 लाख रुपये का अपलेखन
मंत्रि-परिषद ने जनजातीय कार्य विभाग की “ग्रेन बैंक” योजना के प्रावधान अनुसार 2846 ग्रेन बैंकों के माध्यम से गरीब असहाय जनजातीय परिवारों को वितरित 15 करोड़ 75 लाख रुपये का खाद्यान्न वापस न मिलने पर इसकी लागत पर शासन को हुई हानि राशि 15 करोड़ 75 लाख रुपये का अपलेखन किए जाने के निर्णय का अनुमोदन किया।
पंचायतों में निर्विरोध निर्वाचन के प्रोत्साहन के लिए पुरस्कार राशि में वृद्धि
मंत्रि-परिषद ने पंचायत प्रतिनिधियों के निर्वाचन में आम सहमति और निर्विरोध निर्वाचन के प्रोत्साहन के लिये पुरस्कार राशि में वृद्धि का निर्णय लिया है। गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि मंत्रि-परिषद ने पंचायत प्रतिनिधियों के निर्वाचन में आम सहमति और निर्विरोध निर्वाचन को प्रोत्साहित करने की योजना में अभी तक जिन ग्राम पंचायतों के सरपंच निर्विरोध निर्वाचित हुए, उनको एक लाख रुपये, ऐसी ग्राम पंचायत जिनके सरपंच एवं सभी पंच निर्विरोध निर्वाचित हुए को 5 लाख रुपये तथा ऐसी ग्राम पंचायतें जिनके सरपंच एवं सभी पंच महिला हैं, उनको 10 लाख रुपये दिये जाते थे। योजना को पुनरीक्षित करते हुए अब नई श्रेणियाँ एवं पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है।
उन्होंने ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं, उन्हें 5 लाख रुपये, सरपंच पद के लिए वर्तमान निर्वाचन एवं पिछला निर्वाचन निरंतर निर्विरोध रूप से होने पर 7 लाख रुपये,, ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच एवं सभी पंच निर्विरोध निर्वाचित हुए, उन्हें 7 लाख रुपये, ऐसी ग्राम पंचायत जिसके सरपंच तथा सभी पंच महिला निर्वाचित हुए हैं 12 लाख रुपये, पंचायत में सरपंच एवं पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन निर्विरोध होने पर 15 लाख रुपये दिये जाने का निर्णय लिया गया। इन पुरस्कार को प्रदान करने के लिये 55 करोड़ 60 लाख रुपये का प्रावधान वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में किया गया है।
23 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों के सरपंचों के मानदेय में वृद्धि
मुख्यमंत्री द्वारा 7 दिसम्बर 2022 को सरपंचों के राज्य-स्तरीय उन्मुखीकरण, प्रशिक्षण-सह-सम्मेलन में घोषणा की गई थी कि सरपंचों का मानदेय 1,750 से बढ़ा कर 4,250 रुपये प्रतिमाह किया जाएगा। इस संदर्भ में पंचायत राज संचालनालय से जारी आदेश का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसमर्थन किया गया। इससे प्रदेश की 23 हजार 12 ग्राम पंचायतों के सरपंच, दूरभाष एवं सत्कार भत्ता सहित 4,250 रुपये प्रतिमाह मानदेय प्राप्त करेंगे।
सीएम हेल्पलाइन 181 को प्रभावी बनाने के निर्णय
मंत्रि-परिषद ने सी.एम. हेल्पलाइन 181 को प्रभावी रूप से संचालित करने के उद्देश्य से कई निर्णय लिया। इसके अुनसार सी. एम. हेल्पलाइन 181 के इनबाउंड एवं आउटबाउंड कॉल सेंटर की कुल क्षमता क्रमश: 300 सीट्स एवं 120 सीट्स की जाए एवं सात तकनीकी संविदा पदों का सृजन किया जाए। विभिन्न विभागों द्वारा उनकी योजनाओं के फीडबैक के लिए आवश्यकता अनुसार सी.एम. हेल्पलाईन के चयनित वेंडर की मेनपावर हेतु स्वीकृत दरों पर कॉल सेंटर का संचालन कराये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। सी.एम. हेल्पलाईन के कार्यक्षेत्र में हुए विस्तार के दृष्टिगत एवं सी.एम. हेल्पलाईन परियोजना में स्वीकृत संविदा के पदों की संविदा अवधि मार्च 2026 तक निरन्तर जारी रखने की स्वीकृति दी गयी। लोक सेवा प्रबंधन विभाग में संविदा में कार्यरत जिला/विभागीय प्रबंधक एवं कार्यालय सहायक तथा राज्य लोक सेवा अभिकरण एवं सीएम हेल्पलाईन में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को पुनरीक्षित मानदेय स्वीकृत किया गया।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 की स्वीकृति
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनांर्गत पूर्व में प्रथम प्रसव वाली पात्र गर्भवती एवं धात्री माता को 5 हजार रुपये दिये जाने का प्रावधान था। मंत्रि-परिषद ने योजना के नवीन दिशा-निर्देशों में प्रथम प्रसव पर 5 हजार रुपये के साथ द्वितीय प्रसव पर बालिका के जन्म होने पर योजना के पात्र हितग्राही को 6 हजार रुपये दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की। “मिशन शक्ति के ‘सामर्थ्य’ घटक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 2.0 प्रदेश के सभी जिलों में परिवर्तित दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित करने की स्वीकृति भी दी गई।
शौर्या दल के संचालन की स्वीकृति
मंत्रि-परिषद द्वारा शौर्या दल योजना में वर्ष 2015-16 से 2021-22 तक की व्यय राशि की कार्योंत्तर स्वीकृति एवं योजना को आगामी 3 वर्ष 2022-23 से 2024-25 की अवधि में संचालित किये जाने की स्वीकृति दी गई।
इसके अलावा मंत्रि-परिषद ने राजस्व विभाग की तीन संपत्तियों का निर्वर्तन को स्वीकृति प्रदान की गई।