भोपाल । मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार लगातार कर्ज तले दबती जा रही है. पहले से ही तीन लाख करोड़ रुपए के कर्ज के बोझ तले दबी शिवराज सरकार ने एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. यह कर्ज 15 साल के लिए लिया गया है. इस साल अब तक मध्य प्रदेश की सरकार आठ हजार करोड़ रुपए का ऋण ले चुकी है. मध्य प्रदेश सरकार पर अब तक जो तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज है उसमें राष्ट्रीय बचत योजना से 3756 करोड़ रुपए का ऋण शामिल है. 31 मार्च 2022 की स्थिति में सरकार पर कुल 3 लाख 3 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है.

…तो श्रीलंका जैसे हो जाएंगे प्रदेश के हालात
गौरतलब है कि मध्‍य प्रदेश की शिवराज सरकार गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही है. इससे उबरने के लिए शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने एक बार फिर कर्ज ले लिया है. वित्त विभाग के नोटिफिकेशन के मुताबिक यह कर्ज विकास योजनाओं के लिए लिया गया है.

सरकार के पास 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लेने की पात्रता
प्रदेश सरकार राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4% तक ऋण ले सकती है. सरकार के पास 40 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लेने की पात्रता है, लेकिन अभी तक सरकार ने आठ हजार करोड़ का ही ऋण लिया है. राज्य सरकार ने जो कर्ज लिया है उसका इस्तेमाल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और विकास परियोजना को गति देने के लिए किया जाएगा.