भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी में 21 से 30 सितम्बर तक होने वाले साइबर अपराध के अनुसंधान, आसूचना संकलन तथा साइबर सुरक्षा क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दुनिया भर के 500 से ज्यादा अफसर और संस्थाओं ने शामिल होने के लिए पंजीयन करवा लिया है। इस सम्मेलन में प्रदेश सायबर पुलिस कुछ केस स्टडी भी साझा करेगी।
प्रदेश सायबर पुलिस ने वर्चुअल करेंसी से संबंधित एक बड़े मामले का राजफाश किया था। इसमें वर्चुअल करेंसी के लेनदेन के माध्यम से ठगी की राशि भारत से अन्य देशों में भेजे जाने की बात उजागर हुई थी। इस संबंध में सायबर पुलिस ने गहराई से जांच की थी। इस जांच को केस स्टडी के तौर पर इस सम्मेलन में साझा किया जा सकता है। इसके अलावा भी कुछ अन्य केस भी साझा किए जाएंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर ऐसे अनुभव साझा करने से उम्मीद है कि किसी महत्वपूर्ण फैसले पर सहमति बन जाएगी। इससे आॅनलाइन ठगी की राशि के वर्जअल करेंसी में बदलने जैसे मामलों के अपराधियों को पकड़ने में एक देश को दूसरे देशों से मदद मिलेगी। सम्मेलन के लिए अभी तक 500 से अधिक अधिकारियों और संस्थाओं का पंजीयन हो चुका है। इस सम्मेलन में इंटरपोल, इंडियाना तथा वर्जिनिया यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड, सिंगापुर आदि के प्रमुख संस्थान शामिल होंगे। यूनिसेफ के प्रतिनिधियों के शामिल होने की भी मंजूरी मिल गई है। इससे महिलाओं और बच्चों पर होने वाले अपराधों पर नियंत्रण के लिए नीति निर्धारण पर चर्चा होगी।
इस समिट का उद्देश्य है कि पुलिस तथा लॉ-एनफोर्समेन्ट क्षेत्र के अधिकारियों- कर्मचारियों को तथा इस क्षेत्र में कार्यरत अन्य संस्थानों के प्रतिभागियों के सायबर क्षेत्र में प्रशिक्षण तथा क्षमता विकास में मध्यप्रदेश पुलिस की ओर से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान देकर एक मिसाल कायम की जा सके। पूर्व में इस क्षेत्र में किये गये प्रयासों तथा अनुभव का लाभ लेते हुये इस वर्ष यह आयोजन विशाल स्तर पर आयोजित किया जा रहा है।
इसमें योगदान देने के लिए इंटरपोल, इण्डियाना यूनिवर्सिटी तथा वर्जिनिया यूनिवर्सिटी यूएसए, ग्रेट ब्रिटेन के प्रबुद्ध संस्थान, सिंगापुर के विशिष्ट संस्थान, भारत से एनटीआरओ, सीबीआई, आईआईटी, विभिन्न राज्यों की पुलिस इकाईयों, रक्षा क्षेत्र के संस्थान, प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय तथा विशिष्ट थिंकटैंक से संबंधित विशेषज्ञों से व्याख्यान में भाग लेंगे। इसमें राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लगभग एक हजार प्रतिभागियों के सम्मिलित होने की संभावना है। जिसमें से पांच सौ की सहमति मिल चुकी है।