कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) से बाहर किए जाने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि वह चाहे कहीं भी रहें, नफरत की राजनीति के खिलाफ लड़ते रहेंगे.

उन्होंने भावुक अंदाज में कहा कि पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है और मुझ पर विश्वास भी किया है. उन्होंने सीडब्ल्यूसी में बदलाव के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी विचारधारा नफरत और हिंसा के खिलाफ है और ऐसी ताकतों से वह अपनी अंतिम सांस तक लड़ते रहेंगे.

मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के 23 सदस्यों की लिस्ट जारी की थी. इसके साथ ही 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 विशेष आमंत्रित सदस्य भी शामिल किए गए.

राहुल गांधी ने यह फैसला ऐसे वक्त लिया है, जब मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. हालांकि, राज्य के एक और दूसरे बड़े नेता कमलनाथ भी इस लिस्ट से गायब हैं. लेकिन उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है. ऐसे में पहले ही राहुल के पसंदीदा नेताओं की फेहरिस्त से बाहर चल रहे दिग्विजय सिंह का CWC से आउट होना उनके राजनीतिक कद को बड़ा झटका देने वाला कदम माना जा रहा है. हालांकि, दिग्विजय सिंह ने कहा है कि उन्हें नेताओं से कॉर्डिनेट कर चुनाव में जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है.

रिटायरमेंट नहीं

राजनीति से रिटायर हो जाने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव के बाद आगे की रणनीति पर काम किया जाएगा. साथ ही उन्होंने बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए कहा कि जब आसपास आडवाणी जी हों तो मुझे क्यों रिटायर हो जाना चाहिए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि वह अपनी अंतिम सांस तक पार्टी के लिए काम करेंगे.

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