जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur) में कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह फैसला ईद के मौके पर हुए बवाल के बाद तनाव को देखते हुए लगाया गया है। बताया गया है कि कुल 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने इस मामले को लेकर बैठक बुलाई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है।
इन इलाकों में लागू किया कर्फ्यू
पुलिस उपायुक्त राजकुमार चौधरी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक जोधपुर कमिश्नरी के जिला पूर्व के थाना क्षेत्र उदयमंदिर, सदर कोतवाली, सदर बाजार, नागोरी गेट, खंडा फलसा में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा जिला पश्चिम के थाना क्षेत्र प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देवनगर, सूरसागर और सरदारपुरा में भी कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि इन इलाकों में आज दोपहर एक बजे से कल मध्यरात्रि 12 बजे तक कर्फ्यू जारी रहेगा। इसके मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपनी गृह सीमा से बिना अनुमति पत्र के बाहर नहीं निकलेगा। साथ ही यह भी कहा गया है कि हालात को देखते हुए कर्फ्यू की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था। साथ ही सभी से शांति बरतने की अपील की थी।
इस वजह से जोधपुर में भड़की हिंसा
गौरतलब है कि शहर के जालोरी गेट चौराहा पर सोमवार रात को हंगामा हुआ। माना जा रहा है कि यह विवाद धार्मिक झंडा हटाने को लेकर हुआ है। इसके बाद जिले में इंटरनेट सेवा अगले आदेश तक ठप कर दी गई थी। घटना के बारे में बताया जा रहा है कि छोटी सी बात को लेकर कहासुनी बाद में मारपीट में बदल गई। सोमवार रात चौराहे पर स्थित स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की मूर्ति पर झंडा लगाने और चौराहे के सर्किल पर ईद से जुड़े बैनर लगाने से विवाद की शुरुआत हुई। इसके अलावा ईद की नमाज को लेकर चौराहे तक लाउडस्पीकर लगाने को लेकर नाराज लोगों का हुजूम जुट गया।
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धरने पर बैठे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत
हिंसा को लेकर भाजपा मुख्मंत्री गहलोत पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत धरने पर बैठ गए हैं। वहीं सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। गहलोत सरकार के राज में तुष्टिकरण की राजनीति हो रही है। मामले को लेकर पूनिया ने कहा कि इस तरह के घटना कांग्रेस के संरक्षण में किया जाता है। पूनिया ने कहा कि इस तरह के मामले बहुसंख्यक समुदाय पर चोट है। प्रदेश के शांति, लोगों की सुरक्षा के लिए वोट की राजनीति छोड़कर गहलोत जी को जनसुरक्षा की चिंता करनी चाहिए।