उज्जैन. मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में सावन के चौथे और अंतिम  सोमवार  को  भगवन महाकाल के दर्शनों के लिए जबरदस्त भीड़ उमड़ी. अल सुबह 4 बजे होने वाली बाबा महाकाल की विशेष भस्मार्ती से पहले ही भक्तों ने लंबी-लंबी लाइनें लगाना शुरू कर दी थीं. अंतिम सोमवार होने की वजह से भीड़ का दर्शनों को लेकर उत्साह देखते ही बनता था.

भस्मारती में  बाबा महाकाल का चन्दन, कुमकुम, भांग, बेल पत्र, फल आदि से अद्भुत श्रृंगार किया गया.  भस्म आरती में पंचामृत अभिषेक पूजन के बाद 5 बजे महाकाल के दर्शनों का सिलसिल शुरू कर दिया गया. महाकाल मंदिर का पूरा प्रांगण बाबा के जयकारों से गूंज उठा.

श्रद्धालु सोमवार को सुबह 5 बजे से दोपहर 1 बजे तक व शाम 7 से 9 बजे तक प्री-बुकिंग के माध्यम से ही दर्शन करेंगे. आज 251 रुपए वाला दर्शन का काउंटर भी बंद रखा गया है. पंडित संजय गुरू ने बताया कि  सावन का अंतिम सोमवार होने की वजह से भक्तो में उत्साह है. जो भक्त अब तक महाकाल के दर्शन नहीं कर पाए थे वे भी अंतिम सोमवार पर उमड़ पड़े हैं.

शाम 4   बजे से बाबा लाव लश्कर के साथ मंदिर प्रांगण से पालकी में सवार होकर नगर  भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने निकलेंगे. कोरोना महामारी के चलते इस बार भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा. शाम को सवारी में चन्द्रमोलेश्वर और मनमहेश के रूप में भगवान महाकाल दर्शन देंगे. पालकी निकलते ही बाबा महाकाल को पुलिस बल की टुकड़ी द्वारा सलामी दी जाएगी. पालकी बड़ा गणेश मंदिर से होते हुए शिप्रा नदी पर जाएगी यहां बाबा का पूजन होगा. इसके बाद पालकी रामनुजकोट मंदिर, हरसिद्ध पर शिव शक्ति के मिलान के बाद शाम 6 बजे मंदिर लौट आएगी. पालकी की सवारी मंदिर के एप और सोशल मीडिया अकाउंट पर लाइव होगी. इसे http://www.mahakaleshwar.nic.in  देखा जा सकता है.

आज सावन माह का आखिरी सोमवार है. सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. लेकिन सावन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में विधिवत तरीके से भोलेनाथ की पूजा से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. महिलाएं सौभाग्य प्राप्ति की कामना के साथ सावन सोमवार का व्रत रखती हैं. मान्यता है कि यदि कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए सावन सोमवार का व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहे उपयुक्त जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. कुल 16 सोमवार के व्रत रखने होते हैं. इसके अलावा यदि अविवाहित पुरुष भी यह व्रत करें तो उनके विवाह में आ रही बाधा दूर हो जाती है. भगवान शिव बेहद क्रोध वाले देवता माने जाते हैं लेकिन इसके साथ ही उन्हें सबसे जल्दी प्रसन्न और कृपा होने वाला देवता भी माने जाते हैं. सावन सोमवार पर शिव चालीसा का पाठ करने का बहुत महत्व होता है. शिव चालीसा के शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है. इस दिन जरूर पढ़ें शिव चालीसा.

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