मध्य प्रदेश। MP में मेगा Vaccination अभियान में धांधली के कई मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें मरे हुए लोगों का ही Vaccination कर दिया गया। जब उनके मोबाइल पर परिवार ने Vaccination का मैसेज देखा, तो वह खुद हैरान रह गए। प्रवीण नाम के एक शख्स ने बताया कि उनकी मां सुशीला तिवारी का निधन 13 अप्रैल को हो गया था। इसके बावजूद भी 9 सितंबर को उनके मोबाइल पर मैसेज आया कि उनको Vaccine की दूसरी Dose लग गई है। प्रवीण तिवारी का कहना है कि प्रशासन उनके जख्मों को फिर से कुरेदने का काम कर रहा है। प्रवीण तिवारी ने बताया कि उन्होंने अपनी मां को कोरोना Vaccine की पहली डोज 10 मार्च को लगवाई थी। वैक्सीन लगवाने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। जिसके बाद उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया। डॉक्टर्स ने जब उनका कोरोना RT-PCR टेस्ट किया तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। अस्पताल में इलाज के दौरान ही 13 अप्रैल को उनकी मां सुशीला तिवारी ने दोम तोड़ दिया।
प्रवीण तिवारी का कहना है कि 9 सितंबर को उनको मैसेज भेजा गया कि उनकी मां सुशीला को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज भी सफलतापूर्वक लग गई है। वह वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं। प्रवीण ने बताया कि सर्टिफिकेट डाउनलोड कर उन्होंने इस बात की शिकायत जिला कलेक्टर से की। उन्होंने बताया कि 5 महीने पहले ही उनकी मां गुजर चुकी हैं तो फिर उन्हें वैक्सीनेशन मैसेज कैसे भेजा गया।
प्रवीण तिवारी का कहना है कि अचानक उनकी मां के नाम से मैसेज भेजे जाने से उनके जख्म फिर हरे हो गए हैं। इस बात से वह काफी आहत हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से इस मामले की जांच करने की अपील की है। उनकी मांग है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। प्रवीण के 68 साल के पिता आरएस तिवारी ने कहा कि उनकी दुनिया पहले ही उजड़ चुकी है। अब इस तरह के मैसेज भेजकर उनके जख्मों को फिर से कुरेदने का काम किया जा रहा है। प्रवीण के पिता ने कहा कि पत्नी की मौत से वह पहले ही बहुत टूट चुके हैं। अब अचानक इस तरह का मैसेज देखकर वह बहुत ही आहत हैं। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से मुआवजे की अपील की है। इसके साथ ही प्रशासन की लापरवाही की जाचं करने की भी मांग उनकी तरफ से की गई है। उन्होंने बताया कि Vaccination सेंटर से पता चला है कि यह मैसेज नगर निगम की तरफ से जारी किया गया है।