ग्वालियर: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सबसे खास नजर ग्वालियर चंबल संभाग की सीटों पर रखी जा रही है. खास तौर पर सिंधिया प्रभाव वाले क्षेत्रों पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह लगातार नजर रख रहे हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में दोनों राजघराने के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है. दोनों के ही अपने-अपने दावे भी हैं.
ग्वालियर-चंबल संभाग की सीटों पर पिछली बार कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया था. इस बार भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर-चंबल संभाग में कड़ी मेहनत कर रहे हैं. इस बार वे भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक बार फिर सत्ता दिलाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने पुत्र जयवर्धन सिंह को इस इलाके में उतार दिया है.
पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह लगातार ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में दौरा कर रहे हैं. जयवर्धन सिंह ने एबीपी न्यूज़ से चर्चा के दौरान कहा कि इस बार कांग्रेस की सरकार बनने वाली है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाना गलत निर्णय साबित होगा. इस बार जनता सौदेबाजी के खिलाफ वोट करेगी. जयवर्धन सिंह ने ये भी कहा कि वे लगातार ग्वालियर-चंबल संभाग में कार्यकर्ताओं और नेताओं से संपर्क कर रहे हैं. कांग्रेस को लेकर लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. उन्होंने यह भी कहा कि सीटों के आंकड़ों को लेकर दावा नहीं कर रहे हैं, मगर सरकार बनाने में ग्वालियर-चंबल संभाग की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आएगी.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने जयवर्धन सिंह के दावों का विरोध किया है. उनका कहना है कि ग्वालियर-चंबल संभाग ही नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में सिंधिया परिवार लोगों के दिलों में बसता है. सिंधिया परिवार ने हमेशा व्यक्तिगत राजनीति नहीं की. वे विचारधारा की राजनीति करते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ग्वालियर-चंबल संभाग ही नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में सिंधिया का असर देखने को मिलेगा. इससे भारतीय जनता पार्टी को काफी फायदा पहुंचेगा.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में कुल 34 विधानसभा सीटें हैं. साल 2018 के चुनाव में इनमें से 26 विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इस बार कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपनी बढ़त बनाने में जुटी हुई है. ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में दिग्विजय सिंह का प्रभाव काम नहीं है. हालांकि यह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवार का गढ़ माना जाता है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार विधानसभा चुनाव में जनता कौन से राजघराने के वादों पर भरोसा करती है.