भोपाल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी चुनावी जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राह पर आगे बढ़ती दिखाई दे रही है. वह बीजेपी के राम और बजरंगबली के फॉर्मूले को अपनाते हुए राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर सुंदरकांड और भगवदगीता पाठ कराने जा रही है. कर्नाटक में प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले राज्य की सभी 230 विधानसभाओं में सुंदरकांड और भगवदगीता का पाठ कराने का फैसला किया है.
कांग्रेस की धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष ऋचा गोस्वामी ने बताया कि हम 230 विधानसभाओं में 108 सुंदरकांड के पाठ करेंगे. इसके साथ ही बड़े स्थानों पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होगा. इसके अलावा शिवपुराण का आयोजन भी किया जाएगा.ऋचा गोस्वामी ने कहा कि कमलनाथ ने पिछले चुनाव में ही गौशालाओं के निर्माण के साथ-साथ रामपथ गमन के निर्माण के लिए बजट का प्रावधान किया है. खुद कमलनाथ जी ने छिंदवाड़ा के सिमरिया में 101 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा का निर्माण कराया है.
दरअसल हिंदुत्व की डगर पर चलने की कांग्रेस की एक बड़ी वजह 2018 का चुनाव भी रही, जब राहुल गांधी की मध्य प्रदेश में की गई धार्मिक यात्राओं को भाजपा ने चुनावी हिंदुत्व कह कर घेरा था. इसके चलते 2023 के चुनाव से एक साल पहले ही कांग्रेस ने अपनी तैयारी मजबूत कर ली थी. इसके चलते न केवल कांग्रेस ने धार्मिक प्रकोष्ठ का गठन किया बल्कि बीते एक साल में ही कांग्रेस कार्यालयों में सुंदरकांड हनुमान चालीसा के पाठ समेत तमाम बड़े कार्यक्रम आयोजित कराना शुरू कर दिए. वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बकायदा बड़े धार्मिक आयोजनों में जाते हुए भी दिखाई देने लगे.
हाल ही में कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा में रिकॉर्ड जीत हासिल की है. पार्टी ने यहां की 224 में से 136 सीटों पर जीत दर्ज कर ली. जबकि, बीजेपी को 65 सीटें ही मिलीं. 2018 में हुए एमपी चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी. हालांकि, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए. इस कारण उनके समर्थक विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई.