भोपाल।  नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के  नेताओं को अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ काम करना महंगा पड़ सकता है। पहली बार इस मामले में चुनाव की शुरूआत होते ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सख्त रूख दिखाया है। उन्होंने सभी को साफ कर दिया है कि कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार का काम नहीं करने या  खिलाफ काम करने वाले पार्टी पदाधिकारियों को पार्टी के पदों से मुक्त कर दिया जाएगा। इस संबंध में सबसे पहला पत्र सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष अभय तिवारी ने जारी किया है।

उन्होंने सभी जिला अध्यक्ष, विधानसभा समन्वयकों के साथ ही सभी पदाधिकारियों को भेजे पत्र में लिखा है कि नगरीय निकाय चुनाव में महापौर प्रत्याशी की जीत के लिए सभी को जनता के बीच में जाना होगा। सोशल मीडिया से संबंधित समस्त पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को भी पूरी ताकत के साथ अपने-अपने क्षेत्र के महापौर प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में जुटना होगा। प्रत्याशी की हर गतिविधि को सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने में अपनी भूमिका अदा करें। पूरी चुनाव अवधि में सभी के काम-काज की मॉनिटरिंग प्रदेश स्तर पर की जायेगी। चुनाव अवधि में प्रत्याशी के समर्थन में पोस्ट नहीं डालने वाले अथवा विवादस्पद या विरोध में पोस्ट डालने को पार्टी विरोधी गतिविधि की श्रेणी में माना जाएगा और पदमुक्त करने की कार्यवाही की जाएगी।

सोशल मीडिया की इस निर्देश के बाद प्रदेश कांग्रेस ने भी सभी जिला अध्यक्षों को जिले से लेकर बूथ स्तर तक के पदाधिकारियों को इस संबंध में बता दिया है कि प्रत्याशी के काम नहीं करने या उसके खिलाफ काम करने वाले को पद मुक्त किया जाएगा।