भोपाल: मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दमोह फॉर्मूल अपनाएगी. दमोह विधानसभा सीट उपचुनाव में कांग्रेसपार्टी ने जिलाध्यक्ष अजय टंडन को पद मुक्त कर अपना उम्मीदवार घोषित किया था. दांव चल गया और दमोह सीट कांग्रेस ने जीत ली थी. बस अब उसी तर्ज पर पार्टी अपने उन जिलाध्यक्षों को जिम्मेदारी से मुक्त करने वाली है जो विधायक का चुनाव लड़ना चाहते हैं. ताकि वो अपना पूरा समय चुनाव में लगा सकें.
मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बिछ चुकी बिसात पर कांग्रेस ने अपनी चालें तेज कर दी हैं. पार्टी अब ऐसे चेहरे तलाश रही है जो चुनाव में बीजेपी को टक्कर दे सकें. कांग्रेस पार्टी ऐसे जिला अध्यक्षों को पद मुक्त करने की तैयारी में है जो विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और पार्टी उन्हें टिकट देने पर विचार कर रही है. साथ ही पार्टी उन जिलाध्यक्षों को भी जिम्मेदारी से मुक्त करने की तैयारी में है जो विधायक भी हैं विधायकी के साथ जिले की भी कमान संभाल रहे हैं. ऐसे आधा दर्जन जिलों में कांग्रेस नया जिलाध्यक्ष तलाश रही है. इनमें अनूपपुर, मुरैना ग्रामीण और खरगोन जिला शामिल हैं.
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष चंद्र प्रभाष शेखर ने कहा जो जिला अध्यक्ष चुनाव लड़ना चाहते हैं वहां नए जिला अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे. जिला अध्यक्षों को जिम्मेदारी से मुक्त किया जाएगा ताकि वो अपना समय संगठन और चुनाव के लिए दे सकें. इससे पहले दमोह विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जिला अध्यक्ष अजय टंडन को पद मुक्त कर अपना उम्मीदवार घोषित किया था. दमोह सीट पर कांग्रेस का यह दांव चल गया था और दमोह सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अजय टंडन को जीत हासिल हुई थी.
ऐसे में कांग्रेस पार्टी जिला अध्यक्षों पर दांव लगाने की तैयारी में है जो अगले चुनाव में उसके लिए जीत दिला सकें. वही जिला अध्यक्षों को 2023 के चुनाव में उतारने के कांग्रेस के प्लान पर बीजेपी ने निशाना साधा है. प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कांग्रेस के अंदर गुटबाजी है. जिला अध्यक्ष को चुनाव लड़ाएं चाहें किसी नए चेहरे को, अगले चुनाव में कांग्रेस की हार तय है.