भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए तरह-तरह के प्रयोग किए जा रहे हैं। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी हर वर्ग के लोगों को दोबारा कांग्रेस से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। अब उन्होंने कांगेस के कोर वोटरों को अपनी पार्टी से दोबारा जोड़ना चाहत हैं। इसके लिए आदिवासा लीडरशिप विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए कांग्रेस आदिवासी लीडरशिप प्रशिक्षण शिविर धार जिले के मोहनखेड़ा में आयोजित करेगी।
इस प्रशिक्षण शिविर में 89 आदिवासी विकासखंड एवं अन्य आदिवासी बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों से आदिवासी कांग्रेस कार्यकर्ता की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस प्रोग्राम के जरिए जुड़ने वाले मप्र के 89 आदिवासी ब्लॉक से आदिवासी युवा महिला-पुरुष भोपाल पहुंचे। इनका एआईसीसी और एमपी कांग्रेस के ट्राइबल डिपार्टमेंट के पदाधिकारियों ने इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू के जरिए 120 आदिवासी युवा चयनित हुए। अब इनका सात दिनों का प्रशिक्षण मोहनखेड़ा में 19 फरवरी से शुरू होगा।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस पहली बार आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए आवासीय ट्रेनिंग कैंप लगाएगी। धार जिले के मोहनखेड़ा में 19 फरवरी से 25 फरवरी तक यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। जानकारी के अनुसार आदिवासी वर्ग के युवाओं को पार्टी से जोड़ने और चुनावी रणनीति के हिसाब से तैयार करने के लिए कांग्रेस आदिवासी लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आदिवासी लीडरशिप डेवलपमेंट प्रशिक्षण शिविर एवं साक्षात्कार के लिए आयोजित बैठक में उपस्थित प्रदेश के सभी जिलों से आए आदिवासी वर्ग पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी इस देश का मालिक है, जल-जंगल और जमीन पर सबसे पहला अधिकार आदिवासी वर्ग का है। आदिवासी वर्ग के महापुरूषों चाहे वो बिरसा मुंडा हो, टंट्या भील हो या रघुनाथ शाह-शंकरशाह हो या वीरांगना रानी दुर्गावती हो इन सभी ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया और आदिवासी वर्ग की रक्षा और सम्मान को अक्षुण्ण बनाए रखने में महती भूमिका का निर्वहन किया।
पटवारी ने कहा कि देश की युवा शक्ति लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जातिगत जनगणना के पक्ष में है, क्योंकि जातिगत जनगणना से हर वर्ग के मध्यम और गरीबों को उसका लाभ मिलेगा। आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक समानता का अवसर मिलेगा। आदिवासियों का और कांग्रेस का और संविधान का प्रकृति का आपस में गहरा रिश्ता है जो हमें जल-जंगल से ही मिला है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण जीवन के लिए हवा और जल है उससे ही हर व्यक्ति को जीवन जीने के लिए आक्सीजन और ऊर्जा मिलती है।
पटवारी ने कहा कि आदिवासी वर्ग के लिए डेढ़ लाख से अधिक बेकलॉग के पदों पर भर्ती नहीं हुई है। आदिवासियों की जमीन मप्र सरकार और इनके नुमाइंदों और सरकार के चापलूस अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। आदिवासी वर्ग को कभी बांध के नाम पर कभी सेंचुरी के नाम पर जमीनों से बेदखल किया जा रहा है। दलितों और आदिवासियों पर भाजपाराज में अत्याचार और अनचार की घटनाएं चरम पर हैं। आदिवासी वर्ग की महिलाओं को गायब किया जा रहा है जो सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से स्पष्ट है। आदिवासी वर्ग के बच्चों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं, आदिवासी वर्ग के छात्रावास जर्जर अवस्था में हैं, ग्रामीण अंचलों में सरकारी स्कूलों में शिक्षा और शिक्षकों का अभाव हैं।