भोपाल । एक तरफ जहां कांग्रेस  फिर से अपनी सरकार बनाने का प्रदेश में दावा कर रही है तो वहीं दूसरी ओर उसके विधायक ही उसके खिलाफ खुलकर मोर्चा खोले सामने आ खड़े हुए हैं. स्‍थ‍िति यह है कि कांग्रेसी दिग्‍गज अपने नेता प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री कमलनाथ को भी टार्गेट करने से पीछे नहीं रह रहे. ताजा मामले में जबलपुर से कांग्रेस विधायक संजय यादव का आक्रोश अपनी ही पार्टी के खिलाफ लगातार देखने को मिल रहा है. बयानबाजी के इस क्रम में एक बार फिर कांग्रेस विधायक संजय यादव ने अपनी पार्टी को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे जबलपुर जिले से एकमात्र ओबीसी विधायक हैं. ऐसे में उनकी उपेक्षा पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष को ध्यान देना चाहिए. लेकिन अब तक ध्यान नहीं दिया गया है. कांग्रेस विधायक संजय यादव यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने सत्ता परिवर्तन के दौर का भी जिक्र किया. जब पार्टी से दो दर्जन से ज्यादा विधायक छूट गए थे. इसके पीछे विधायक संजय यादव ने यही कहा कि कोई पूछ परख ना होने के चलते 25 से 30 विधायक उस वक्त भी पार्टी छोड़ कर चले गए थे.

हालातों को देखकर यही लगता है कि पार्टी का कोई धनी नहीं बचा है. गौरतलब है कि दो दिनों पहले विधायक संजय यादव ने एमआईसी गठन की प्रक्रिया में उनकी उपेक्षा के लिए नाराजगी व्यक्त की थी. उन्‍होंने यहां तक कहा कि जो कांग्रेस को मजबूत करना चाहता है उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. पार्टी फोरम में भी किसी भी तरह की सुनवाई नहीं होती. ऐसे में यह समझ के परे है कि आखिर कांग्रेस पार्टी क्या सोच रही है और क्या समझ रही है. कांग्रेस विधायक संजय यादव ने इतना तक कह दिया कि हालातों को देख ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस अब ओवरकॉन्फिडेंस के दौर में आ गई है. विधायक संजय यादव ने एमआईसी के गठन में अपनी उपेक्षा और भेदभाव का आरोप लगाया था. इससे पहले भी बीते मंगलवार को एमआईसी के नामों की घोषणा के बाद उन्होंने अपने गुस्से को जाहिर किया था.