भोपाल । विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होते ही कांग्रेस ने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस विधायकों ने आज सत्र में वंदे मातरम् गायन से पहले ही प्रदेश में आदिवासियों का मामला उठाया, इसके बाद शून्यकाल में कांग्रेस ने प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चर्चा की मांग की। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच शोर-शराब इतना बढ़ा कि विधानसभा की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद फिर से सत्र आहूत हुआ।
कांग्रेस विधायक गर्भगृह में पहुंच गए और सरकार से आदिवासियों पर अत्याचार के हाल ही में जो मामले हुए हैं उस पर चर्चा की मांग करने लगे। इस बीच सत्तापक्ष से भी मंत्री और विधायक बोलने लगे। हंगामा थमता नहीं देख विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की आज की कार्यवाही स्थगित करने के पहले कार्यसूची में शामिल सभी प्रस्तावों को शोरशराबे के बीच पूरा कर लिया गया। इस दौरान सिगरेट और तंबाकू को लेकर विधेयक भी हंगामे के बीच पेश कर दिया गया। इसके पहले विधानसभा के पावस सत्र के पहले दिन निधन उल्लेख और प्रश्नोत्तर काल के बाद जैसे ही शून्यकाल शुरू हुआ तो नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से प्रदेश में आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार पर चर्चा कराने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में मध्यप्रदेश देश में नम्बर एक स्थान पर है। इस पर चर्चा होनी चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस पर बाद में बात हो सकती है तो विधायक सज्जन वर्मा ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी तय हुआ था कि चर्चा कराएंगे। मंत्री नरोत्तम ने कहा कि अध्यक्ष बैठे हैं, ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ। विधायक वर्मा फिर बोले कि सर्वदलीय बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी लेकिन मंत्री नरोत्तम ने इससे भी इनकार किया। इसके बाद सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। कुछ देर तक हंगामा नहीं रुका तो विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।