इंदौर । चुनाव आयोग के तारीखों के ऐलान के बाद अब देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों का माहौल बन चुका है। मध्यप्रदेश के साफ-सुथरे शहर इंदौर की मशहूर चाट-चौपाटी ‘‘56 दुकान’’ के दुकानदारों ने चुनावों में मतदान को बढ़ावा देने के लिए अनोखी पहल की है। दुकानदारों ने घोषणा की है कि मतदान के दिन यानी 17 नवंबर को वोट डालने वाले हर उस व्यक्ति को इस चाट-चौपाटी में पोहे-जलेबी का मुफ्त नाश्ता कराया जाएगा, जो उन्हें अपनी उंगली पर लगा अमिट स्याही का निशान दिखाएगा। इस रोचक खबर के आम होने के बाद हर तरफ वाह-वाही हो रही है।
क्या कहते हैं व्यापारी संघ के अध्यक्ष?
‘‘56 दुकान व्यापारी संघ’’ के अध्यक्ष गुंजन शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘स्वच्छता के पैमानों पर इंदौर देशभर में पहले पायदान पर है। हम चाहते हैं कि हमारा शहर मतदान के मामले में भी अव्वल रहे। इसके लिए हमने वोट देकर आने वाले मतदाताओं को मुफ्त पोहा-जलेबी खिलाने का फैसला किया है।’ शर्मा ने बताया कि ‘‘56 दुकान’’ चाट-चौपाटी में मतदाताओं के लिए मुफ्त पोहे-जलेबी की पेशकश 17 नवंबर को सुबह नौ बजे तक रहेगी और इसके बाद हर मतदाता को पूरे दिन पोहा-जलेबी की कीमत में 10 प्रतिशत की खास छूट दी जाएगी।
भारतीय खाद्य सुरक्षा नियामक (एफएसएसएआई) ने संबंधित पैमानों पर खरा उतरने के कारण ‘‘56 दुकान’’ को ‘‘क्लीन स्ट्रीट फूड हब’’ का दर्जा दे रखा है। इस चाट-चौपाटी पर स्वाद के शौकीनों का हमेशा जमावड़ा लगा रहता है और हफ्ते में यहां खासी भीड़ होती है। विधानसभा चुनावों की सरगर्मियों के दिनों-दिन जोर पकड़ने के बीच इन दिनों ‘‘56 दुकान’’ में पकवानों के चटखारों के साथ ही चुनावी मुद्दों पर चर्चाएं भी खूब हो रही हैं। ‘‘56 दुकान’’ पहुंचने वाले ज्यादातर स्थानीय मतदाताओं का मानना है कि शहर की बरसों से बदहाल यातायात व्यवस्था में सुधार बेहद जरूरी है और सूबे की अगली सरकार को इसके लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
आम जनता के क्या हैं मुद्दे
युवा मतदाता अंकित यादव ने कहा, ‘‘इंदौर में यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाया जाना चाहिए। खासकर चौराहों पर कई लोग यातायात नियम तोड़ते हैं, जिससे जानलेवा हादसों का खतरा बना रहता है। वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान इंदौर के शहरी इलाके की पांच सीटों पर कुल 14.72 लाख मतदाता मतदान के लिए पात्र थे और यहां औसतन 67 प्रतिशत मतदान हुआ था। मौजूदा विधानसभा चुनावों में इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में कुल 15.55 लाख लोग मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र हैं।