भोपाल। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के बीच राजनीतिक उठापटक जारी है। इसी बीच कल कमलनाथ को महाराष्ट्र भेजने के कांग्रेस के फैसले पर सीएम शिवराज ने चुटकी लेते हुए कहा कि जो अपनी सरकार नहीं बचा पाए वो उद्धव ठाकरे की सरकार कैसे बचा पाएंगे।

वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे सरकार से नाराज हैं। शिंदे इस समय असम के गुवाहाटी में हैं और उनका कहना है कि उन्हें 40 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इसी बीच उनके बगावती तेवर को कम करने के लिए कांग्रेस ने कमलनाथ को महाराष्ट्र भेजा है। इसे लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व सीएम पर तंज कसा है। एक कार्यक्रम के दौरान शिवराज ने कहा कि वो अपनी सरकार नहीं बचा पाए तो महाराष्ट्र की कैसे बचा पाएंगे।

बता दें कि शिवराज ने दो साल पहले कमलनाथ सरकार के गिरने का जिक्र करते हुए कहा, ‘उन्हें महाराष्ट्र भेजा गया है… उन्हें राज्य क्यों भेजा गया है? सरकार बचाने के लिए। जो अपनी ही सरकार को नहीं बचा सके… महाराष्ट्र सरकार को कैसे बचाएंगे? क्या कांग्रेस आपका कुछ भला कर सकती है? पार्टी अपनी आखिरी सांसें गिन रही है और उसके शीर्ष नेता (राहुल गांधी) प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय के चक्कर काटने में व्यस्त हैं।

गौरतलब है कि 2020 में, कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने पर 20 से अधिक विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया था। सदन में विश्वास मत साबित करने से पहले कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच नाथ को कांग्रेस ने इस हफ्ते पर्यवेक्षक के तौर पर राज्य भेजा है।

इस हफ्ते की शुरुआत में जैसे ही महाराष्ट्र में उथल-पुथल शुरू हुई, संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए मध्य प्रदेश की घटना का जिक्र किया। राउत ने कहा था कि यह मध्य प्रदेश नहीं है। यह महाराष्ट्र है।’ उन्होंने आश्वासन दिया था कि पार्टी नियंत्रण में है। कांग्रेस महाराष्ट्र में गठबंधन सहयोगियों में से एक है और कमलनाथ को मंगलवार को शीर्ष नेतृत्व ने राज्य भेजा है। बुधवार को कमलनाथ उद्धव ठाकरे से मिलने वाले थे, लेकिन दोपहर को उन्होंने कहा कि ठाकरे कोविड पॉजिटिव हैं।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि अगर विधायक उनके सामने आकर इस्तीफा मांगेंगे तो वे अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। वे परिवार सहित सीएम आवास को छोड़कर मातोश्री चले गए हैं। उन्होंने यह कदम बागी विधायकों के तेवर में कोई नरमी नहीं आने की वजह से उठाया। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद का लालची नहीं हूं।