भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धार और खरगोन जिले के कारम बांध के रिसाव से प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों से गाँव में न जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उनके लिए भोजन और अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। सभी ग्रामीणजन राहत और बचाव के कार्य में सहयोग करें।

मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को सुबह 11 बजे से लगातार 9 घंटे तक स्थिति पर नजर रखने के बाद जानकारी देते हुए कहा कि सभी 18 गाँव पूरी तरह से खाली करवा लिए गए हैं। गाँव में कोई भाई-बहन न रहे इसके लिये हमारी पूरी टीम में घूम रही है। धार-खरगोन के कलेक्टर, एसपी, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पुलिस एवं होमगार्ड के जवान, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें, आर्मी के कालम सब फील्ड में तैनात हैं। ये सभी सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रभावित होने वाले क्षेत्र के गाँव में कोई न रहे। कोई पशु भी गाँव में न रह जाए। गाय, बैल, भैंस, बकरी, बकरा सभी को निकालने की व्यवस्था की है। सबको सुरक्षित ऊँचे स्थानों पर ले जाया गया है।

मुख्यमंत्री ने जन-प्रतिनिधियों से भी चर्चा की है। दोनों क्षेत्र के सांसद, धरमपुरी के विधायक और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और संघ के स्वयंसेवकों से भी बात की है।

उन्होंने कहा कि हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि हर जिंदगी सुरक्षित रहे और पानी बाहर निकल जाए, जिससे बाद में निश्चिंत होकर लोग अपने-अपने गाँव वापस आ जाएँ। इसमें हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, यह जनता की जिंदगी का मामला है। मुख्यमंत्री चौहान ने 18 गाँवों और इनके टोले-मजरे के भाई-बहनों से प्रार्थना की है कि पूरा सहयोग करें। किसी भी हालत में अपने गाँव अभी न जाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भी कंट्रोल रूम में बैठ कर हर परिस्थिति पर नजर रखे हुए हूँ।

बांध को काट कर पानी निकालने का निर्णय
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हम सब मिल कर इन कठिन परिस्थितियों से बाहर निकलेंगे। बांध में पानी का रहना उचित नहीं है, इसलिए हमने फैसला किया है कि बांध को काट कर पानी निकालेंगे और खाली करेंगे। बांध कट करने का काम प्रारंभ कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपनी पूरी टीम के सदस्यों के साथ राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम में बैठा हूँ। औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट कल से बांध क्षेत्र में मौजूद हैं। कमिश्नर, आईजी, सिंचाई विभाग के इंजीनियर, चीफ इंजीनियर पूरा अमला बांध स्थल पर ही मौजूद है और सुबह से हम विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं।

चौहान ने कहा कि आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर गोयल, जो कि इस मामले के विशेषज्ञ माने जाते हैं, उनसे भी हमने परामर्श किया है। रिटायर्ड चीफ इंजीनियर से भी एडवाइजरी ली है। मैंने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री और जल शक्ति मंत्री से भी इस संबंध में बात की है।