इंदौर। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से पहले ही हंगामा हो गया। एनआरआई (NRI) की बढ़ती भीड़ को देखकर प्रवेश रोक दिया गया। उनसे कहा गया कि वे हॉल में मेगा स्क्रीन पर ही कार्यक्रम को देखें। इससे एनआरआई भड़क गए और कहने लगे कि इतने पैसे खर्च कर आए हैं और टीवी पर कार्यक्रम देखने को कहा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस विवाद के लिए मंच से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि माफ करना हॉल छोटा पड़ गया है, लेकिन दिल छोटा नहीं है। इंदौर ने न केवल अपना दिल बल्कि घरों के दरवाजे भी प्रवासी भारतीयों के लिए खोल दिए हैं।
दरअसल, सम्मेलन में भाग लेने के लिए 70 देशों से 3500 से अधिक प्रतिनिधियों के पहुंचने की बात हो रही है। हकीकत यह है कि सम्मेलन के लिए रजिस्ट्रेशन पांच हजार से अधिक हुए हैं। आयोजकों के अनुसार ब्रिलियंट कन्वेंशन हॉल की क्षमता अधिकतम 2000 सीटों की है। अंतिम समय में केंद्र सरकार ने रजिस्ट्रेशन ओपन कर दिए थे। इस वजह से कई एनआरआई परेशान हुए। ओपन रजिस्ट्रेशन की वजह से पांच हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हो गए। कई एनआरआई को गेट के बाहर खड़े रहना पड़ा। स्थिति बिगड़ती देख बड़ी संख्या में एनआरआई को महाकाल और अन्य जगह पर्यटन के लिए भेजा गया है।
आयोजन स्थल ब्रिलियंट कन्वेंशन हॉल में क्षमता से अधिक एनआरआई पहुंचने की वजह से आयोजकों को प्रवेश रोकना पड़ा। साथ ही प्रधानमंत्री के आने से पहले सुरक्षा इंतजामों का भी प्रश्न था। इससे एनआरआई भड़क गए। उन्होंने काफी दिन पहले रजिस्ट्रेशन करा रखा था। उन्हें कहा जा रहा है कि वे सम्मेलन हॉल के बाहर बड़ी स्क्रीन पर ही कार्यक्रम को देखें। इस वजह एनआरआई भड़क गए और मीडिया के सामने अपना गुस्सा उतारते दिखे। एक एनआरआई ने कहा कि हम लाखों रुपये खर्च कर यहां पहुंचे हैं और यहां कहा जा रहा है कि बड़ी स्क्रीन पर देखिये। यह शर्मनाक है। यह तो हम घर पर टीवी पर ही देख लेते। इतने लाखों रुपये खर्च करने का क्या फायदा? एनआरआई के हंगामे के बाद मीडिया को भी कुछ देर के लिए बाहर निकाल दिया गया।
हंगामा बढ़ता देख आयोजकों ने कुछ देर के लिए मीडिया को वहां से बाहर किया। देरी से पहुंचे कुछ मीडियाकर्मियों को भी प्रवेश नहीं दिया गया। उन्हें भी सुरक्षाकर्मियों से बहस करते देखा गया। बाद में कुछ एनआरआई प्रतिनिधियों और दिल्ली से आए मीडिया को कन्वेंशन हॉल में प्रवेश दिया गया। तब तक काफी हंगामा होता रहा।
हंगामा बढ़ता देख राज्य सरकार के अधिकारियों ने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया है। राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन दिल्ली से ओपन कर दिया। इससे पांच हजार से अधिक एनआरआई ने पीएम नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया। इसमें राज्य सरकार का किसी भी तरह से काम नहीं बचा। अधिकारी इस मामले पर बयान देने से बच रहे हैं। वहीं रजिस्ट्रेशन डोम में एनआरआई की भीड़ और हंगामा सबकुछ खुद ही बयां कर रही है।