रीवा:  मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले के अपर कलेक्टर को लोकायुक्त टीम रीवा ने  5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथो गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद सीएम डा मोहन यादव ने एक्शन लेते हुए अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को सस्पेंड करने का आदेश देते कहा कि नागरिक हितों से खिलवाड़ करने वाले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लोकायुक्त पुलिस ने आज गुरुवार को अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को 5000 रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। उक्त कार्रवाई अपर कलेक्टर के आफिस में की गई ।

जमीन के बंटवारे का था मामला

लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि जमीन के बंटवारे की फाइल को राजस्व न्यायालय द्वारा शिकायतकर्ता रामनिवास तिवारी ग्राम खूझ तहसील नईगढ़ी जिला मऊगंज के पक्ष में फैसला करने के लिए अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी द्वारा 20000 रुपए की मांग की गई थी। पहली किस्त में वह 10000 रुपए पहले ही ले चुके थे। जब शिकायतकर्ता ने शेष 10000 रुपए में कुछ कंसेशन करने की बात की तो उन्होंने 5000 का कंसेशन भी शिकायतकर्ता को दिया था।शेष बचे 5000 को अपने आफिस में रिश्वत लेते हुए अपर कलेक्टर पकड़े गए हैं। उक्त कार्रवाई उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार एवं निरीक्षक जियाउल हक सहित 12 सदस्यीय टीम के द्वारा की गई है। अपर कलेक्टर के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

सीएम का एक्शन : अपर कलेक्टर सस्पेंड

लोकायुक्त पुलिस की कारवाई के बाद सीएम मोहन यादव ने अपर कलेक्टर को सस्पेंड करने के आदेश देते हुए सोशल मीडिया  पर लिखा कि ” मध्य प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत रिश्वत लेने के मामले में अशोक कुमार ओहरी, अपर कलेक्टर, जिला मऊगंज को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया है। इस प्रकरण में लोकायुक्त द्वारा कार्यवाही की जा रही है। नागरिक हितों से खिलवाड़ करने वाले किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पूर्व में भी शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी जा चुकी है कि जमीन नामांतरण, बटवारा आदि मामलों के निराकरण में गंभीरता बरतें। मध्यप्रदेश सरकार अपने नागरिकों को बेहतर, त्वरित और पारदर्शी तरीके से सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।