भोपाल। MP में कुपोषण को खत्म करने के लिए एक-एक बच्चा चिन्हित किया जाएगा। इनकी खुराक से लेकर स्वास्थ्य तक पर पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए प्रत्येक गांव के स्तर पर निगरानी का तंत्र बनेगा। थर्ड पार्टी से स्थिति का मूल्यांकन करवाया जाएगा। वर्ष 2030 तक कुपोषण को पूरी तरह समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की पोषण नीति को मंजूरी दी गई। वहीं, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के लिए भूमि आवंटन नियम 2021 बनाए गए हैं। इसके तहत औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड अब आनलाइन नीलामी के माध्यम से मिलेंगे।
Video काफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में पोषण नीति को मंजूरी देते हुए CM ने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए हर स्तर पर समुदाय की भागीदारी होने चाहिए। यह सिर्फ एक विभाग का काम नहीं है। किचन गार्डन योजना के माध्यम से किसानों को फल और सब्जी के पौधे एवं बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। आंगनवाड़ी में दिए जाने वाले पोषाहार में लगातार बदलाव किया जाएगा।
बैठक के बाद सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने बताया कि औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसके तहत औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंड का आवंटन आनलाइन नीलामी के माध्यम से किया जाएगा। जिन भूखंडों की नीलामी नहीं हो पाएगी, उन्हें पहले आओ पहले पाओ की नीति के तहत दिया जाएगा। विभागीय शेड भी किराए पर देने का प्रविधान किया गया है। पहली बार उद्यमियों को नगरीय और गैर नगरीय भूमि पर स्वनिर्धारित डिजायन के अनुसार क्लस्टर विकसित करने का मौका मिलेगा। नए नियमों से निवेशक आकर्षित होंगे और रोजगार के अवसर बनेंगे।
CM मुख्यमंत्री कोरोना योद्धा को मंजूरी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए मैदानी मोर्चा संभालने वाले कर्मचारियों को मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना का लाभ मिलेगा। इसके लिए योजना को एक अप्रैल से 31 मई 2021 तक लागू करने की मंजूरी दी गई है। योजना में मृतक कर्मचारी के स्वजन को 50 लाख रूपये दिए जाने का प्रविधान है। वहीं, एक मार्च से 30 जून 2021 तक कोरोना संक्रमण की वजह से माता-पिता या अभिभावक को गंवाने वाले बच्चों को पेंशन, निशुल्क राशन और शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल कल्याण योजना का अनुमोदन किया गया। इसी तरह मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का अनुसमर्थन किया।
कैबिनेट ने खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग को खाद्यान्न उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन के लिए 29,400 करोड़ रूपये सरकार की गारंटी पर लेने की अनुमति खाद्य विभाग को दी गई। प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम ने गेहूं की खरीद के लिए भारतीय रिजर्व बैंक से 25 हजार करोड़ रूपये का ऋण लिया है।