भोपाल।, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा है कि अगर प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध, अत्याचार और अन्याय को रोकने के लिए चाहे कितने कानून बना लें, आदेश-निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दे दें लेकिन उसके अमल में आम और खास लोगों में फर्क है तो फिर स्पष्ट है कि मंशा अपराधों को रोकने की नहीं बल्कि सिर्फ पाखंड करने की है। सिंह ने कहा मंत्री रामपाल सिंह उनके बेटे और परिजनों की प्रताड़ना से आत्महत्या करने वाली प्रीति रघुवंशी के मामले में शिवराज सरकार का रवैया शर्मनाक है। घटना को 11 दिन बीत चुके हैं लेकिन आज तक उनके परिवार वालों को इंसाफ नहीं मिला। फरियादी से गहन पूछताछ हो गई लेकिन अभी तक मंत्री, उनके पुत्र और परिजनों को छूने की हिम्मत शिवराज सरकार नहीं कर पाई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मुद्दे पर भाजपा सरकार की निर्लज्जता, अन्याय के विरूद्ध प्रीति रघुवंशी और इस प्रदेश की महिलाओं को सम्मान दिलाने, उसकी रक्षा करने पर सरकार को झकझोरने के लिए उदयपुरा से भोपाल तक दो दिन की न्याय यात्रा निकाली जाएगी। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरूण यादव एवं मैं स्वयं 5 अप्रैल को उदयपुरा ये यह यात्रा शुरू करेंगे जो 6 अप्रैल को भोपाल में समाप्त होगी।
नेता प्रतिपक्ष सिंह ने बताया कि इस दो दिवसीय यात्रा के बाद 16 अप्रैल से पूरे प्रदेश में न्याय यात्रा निकाली जायेगी।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने एनसीआरबी की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ रह अपराध तथा स्वयं सरकार के रिपोर्ट में महिलाओं की भयावह स्थिति के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के तमाम दहाड़ने के बाद भी 27 मार्च 2018 को राजधानी भोपाल और ग्वालियर की दो घटनाएं शिवराज सरकार के पाखंड को उजागर करती है। उन्होंने कहा कि भोपाल की सूखी सेवनिया निवासी 8 वीं कक्षा की छात्रा से सरेआम हुए अश्लील छेड़छाड़ की घटना के 5 घंटे बाद रिपोर्ट का दर्ज होना वह भी सी.एम. हाउस से फोन जाने के बाद और ग्वालियर में दुष्कर्म पीड़िता द्वारा आरोपियों पर कार्यवाही न होने पर इच्छामृत्यु मांगना पूरी भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री की कथनी और करनी के बीच के अंतर को बताता है।
सिंह ने कहा कि इस तरह घटनाओं की एक लंबी लिस्ट है, लेकिन मैं इन दो घटनाओं का जिक्र इसलिए कर रहा हूं कि पिछले एक हफ्ते में मुख्यमंत्री ने रूह कांपने, कमर तोड़ देने जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर काफी सुर्खिया बटोरी। उन्होंने कहा एक्शन-एक्शन-एक्शन चाहिए। इसके वीडियो प्रायोजित तरीके से सोशल मीडिया में वायरल किए गए। किन्तु ये दो घटनाएं बताती हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देश बनावटी हैं, वे सिर्फ मूल घटना को दबाने, लोगों का ध्यान हटाने के लिए इस तरह के टोटके करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही आदेश-निर्देश उन्होंने 2012 के बाद निर्भयाकांड के बाद और हाल ही में नवंबर माह में हबीबगंज स्टेशन पर हुई एक छात्रा के साथ हुई गैंगरेप घटना के बाद दिए थे लेकिन आज भी हालात जस के तस हैं।
नेता प्रतिपक्ष सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के महिला के प्रति संवेदनशीलता उनके आदेश और निर्देश, उनके एक्शन-एक्शन-एक्शन का शिगुफा, कमर तोड़ देने और रूह कपा देने वाले निर्देश कितने नकली हैं और किनके लिए हैं यह उनके अपने निकटतम मंत्री रामपाल सिंह के परिवार द्वारा अपनी बहू उदयपुरा की प्रीति रघुवंशी के साथ प्रताड़ना के कारण 17 मार्च को आत्महत्या करने की घटना के बाद सामने आ गई। आज ग्यारहवां दिन हैं फरियादी प्रीति रघुवंशी के पिता, माता, भाई और परिजनों सहित सबके बयान हो गए लेकिन आरोपी के साथ शिवराज सरकार का रवैया बताता है कि वह कितना महिला हितैषी है। उदयपुरा के बाद 22, 23 और 24 मार्च 2018 लगातार तीन दिन तक राजधानी भोपाल में प्रीति रघुवंशी के परिजनों के साथ किस तरह अपराधियों जैसा व्यवहार हुआ है, यह आप सभी मीडिया के लोग जानते हैं और आपने इसको बखूबी अपने समाचार पत्रों में प्रकाशित भी किया है। बयान दर्ज करने के बाद परिजनों ने उदयपुरा जाने के लिए पुलिस से सुरक्षा मांगी वह भी शिवराज की असंवेदनशील सरकार ने उन्हें मुहैया नहीं कराई। परिजनों से पूछताछ किए भी 4 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक पुलिस ने न तो रामपाल सिंह, उनके बेटे तथा परिजनों से कोई पूछताछ की और न ही एफआईआर दर्ज की।
सिंह ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री जी से कहना चाहता हूं कि आप कितने भी फांसी जैसे कानून बना ले, भोपाल इंदौर सहित पूरे प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू कर ले,कितने भी आदेश-निर्देश दें दें अगर आपका कानून आम के लिए अलग है और खास के लिए अलग है तो आपकी सारी ये बातें सिर्फ पाखंड हैं। श्री सिंह ने कहा कि विधानसभा में मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान उपस्थित नहीं हुए। यहीं नहीं इस पर कोई बात न हो आपने बजट जैसे महत्वपूर्ण सत्र को बली चढ़ा दिया। दो शब्द भी संवेदना के परिजनों के प्रति व्यक्त करना उन्होंने उचित नहीं समझा। वास्तव में महिला अत्याचार करने वाले अपराधियों को मुख्यमंत्री के खुले संरक्षण के कारण प्रदेश में बेटियों से बलात्कार और आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं |
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने प्रीति रघुवंशी के मामले में सदन से लेकर सड़क तक मामला उठाया। राज्यपाल महोदया को भी ज्ञापन दिया लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। ऐसा लगता है कि प्रदेश में अंधा कानून है। भाजपा सरकार ने पिछले 15 साल में अपने मंत्रियों, भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सभी कानूनों से बरी कर दिया है। जिसकी जो मर्जी में आए वह करें। आम गुंडों का तो जुलूस निकाला जा रहा है। बड़वाह में भारतीय जनता युवा मोर्चा और भाजपा के पदाधिकारी रिश्तेदार युवक यूनिक सुराणा बलात्कार का आरोपी है लेकिन उसका जुलूस नहीं निकाला गया।
सिंह ने कहा कि मंत्री रामपाल सिंह और उनके बेटे को प्रीति रघुवंशी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में एफआईआर दर्ज हो उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया जाए और उनके खिलाफ कार्यवाही हो और पूरे प्रदेश में बेटियों को सुरक्षा मुहेया कराने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी ने उदयपुरा से भोपाल तक न्याय यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। हम जनता के बीच जाकर सरकार को मजबूर करेंगे कि वे मंत्री और उनके पुत्र के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करे और उन्हें मंत्रिमंडल से हटाएं।
सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरूण यादव जी और मैं स्वयं दिनांक 5 अप्रैल को उदयपुरा से न्याय यात्रा की शुरूआत करेंगे जो 6 अप्रैल को राजधानी भोपाल में समाप्त होगी। दूसरे चरण की यात्रा भगवान राम की तपो स्थली चित्रकूट से सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थान कामदगिरी से इस यात्रा की शुरूआत होगी। यह यात्रा प्रदेश के हर उस नागरिक के लिए होगी जो आज इस सरकार से न्याय की आस खो चुका है। ऐसी व्यक्ति की आवाज कांग्रेस पार्टी मुखर करेगी। यह न्याय यात्रा किसानों, युवाओं, कर्मचारियों, दलित, आदिवासियों, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के साथ ही दिव्यांगों के साथ लगातार हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ होगी। जनता की ताकत जो लोकतंत्र की नीव है के साथ कांग्रेस पार्टी आत्ममुग्धता के मुहाने पर पहुंच चुकी अहंकारी भाजपा और शिवराज सरकार को झकझोरेगी।