भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए दिशा-निदेर्शों के अनुरूप मध्य प्रदेश पुलिस कार्यप्रणाली को देश में सर्वश्रेष्ठ बनाना है। इस टास्क को लेकर  उन्होंने कहा था किअपराधों की प्रभावी रोकथाम के लिए ‘क्राइम एनालिसिस’ और अपराधों के ‘हॉट स्पॉट’ छांटने में आइटी का पूरा उपयोग किया जाए। सीसीटीवी नेटवर्क को और उन्नत किया जाए।

प्रदेश में माफियाओं, गुंडे-बदमाशों को हौसले पस्त करने के लिए जिस जिले की पुलिस ने कितना काम किया, इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों और पुलिस जोन से तलब की है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा डीजी कॉन्फे्रंस में दिए गए टास्क के बाद मुख्यमंत्री द्वारा की गई समीक्षा में दिए गए टास्क भी पुलिस मुख्यालय ने जिलों से मांगे हैं।

महिला एवं बच्चों के विरूद्ध अपराध के मामलों में प्रभावी कार्रवाई कर सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बाल एवं किशोर न्यायालयों को ‘चाइल्ड फ्रेंडली’ बनाया जाए। नक्सलवाद को रोकने के लिए आंध्रप्रदेश, ओडिशा तथा छत्तीसगढ़ की तरह मध्य प्रदेश की नक्सली आत्मसमर्पण योजना को बेहतर बनाने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को कॉन्फे्रंस करने जा रहे है। इसमें वे प्रधानमंत्री के टास्क को लेकर भी अफसरों से बात कर सकते हैं।

हाल ही में हुई पत्थरबाजी की घटनाओं के मद्देनजर अब राज्य सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कानून लाने की तैयारी में है। कल ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पर अधिकारियों से चर्चा करते हुए पत्थरबाजी की घटनाओं पर रोकथाम के साथ पत्थरबाजों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में यह ऐलान किया है कि प्रदेश में पुलिस माफिया, गुंडे-बदमाशों के साथ ही चिट फंड के जरिए फ्रॉड करने वालों पर नकेल कसेगी। इस पर भी पुलिस मुख्यालय ने जिलों से जानकारी बुलाई है। जिसमें ड्रग माफिया, भू- माफिया, रेत माफिया, चिट फंड के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी करने वाले, लोगों पर अड़बाजी करने वाले, लोगों की जमीन जबरन हड़पने वाले, मकान-जमीन खाली करवाने का ठेका लेने वाले बदमाशों और उनके गैंग पर किस जिले में कितनी कार्रवाई हुई इसका ब्यौरा मांगा गया है। नशे के कारोबार को लेकर प्रदेश के 17 चिन्हित जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है। वहीं नक्सल प्रभावित बालाघाट और मंडला के साथ ही आसपास के कुछ जिलों से भी जानकारी मांगी गई है।

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