मुंबई। कोरोना संकट को लेकर महाराष्‍ट्र CM उद्धव ठाकरे ने आज को जनता संवाद में यह स्पष्ट किया कि फिलहाल लॉकडाउन अगले 15 दिनों तक कायम रहेगा। उन्होंने कहा कि वे लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाएंगे। मुख्यमंत्रियों ने आह्वान किया कि अगर रास्ते पर उतरना जरूरी ही हुआ तो कोरोना संवाहक बन कर ना उतरें। कोरोना नियमों का पालन करें। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि दूसरी लहर के संक्रमण की गंभीरता को समझिए और जरूरत ना हो तो घर से बाहर ना निकलें। प्रतिबंध तो हम धीरे-धीरे कम करेंगे ही लेकिन इसके बाद अगर बेवजह घर से बाहर निकलेंगे तो यह तीसरी लहर को निमंत्रण देने जैसा होगा। उन्‍हौनें आगे कहा  पिछली बार का वायरस और इस बार का वायरस अलग है। कोरोना का नया स्ट्रेन अधिक घातक है। नए स्ट्रेन का फैलाव काफी तेजी से होता है। तीसरे लहर में कैसा होगा ये भी कह नहीं सकते। ऑक्सीजन बेड तत्काल बढ़ाये गए। जब ऐसे फोन आ रहे थे कि अस्पताल में कुछ ही घण्टो का ऑक्सीजन बचा है तब बहुत मुश्किल समय था। लेकिन तब हमने पूरी तैयारी की और मरीजो के लिये ऑक्सीजन की व्यवस्था की।

अगर महाराष्‍ट्र में आंकड़ो की बात करे तो अभी भी हम नीचे नहीं आये है। संक्रमण को लेकर महाराष्ट्र नम्बर 1 ही है। लेकिन एक राहत की बात है कि एक्टिव केसेस पहले से कम हैं। साथ ही ठीक होने वाली की भी संख्या में बढ़ोत्तरी है। ग्रामीण भागों में कोरोना का संक्रमण अभी भी अधिक है। हमने कड़क लॉकडाउन लाया, नियम कड़े भी किए। महाराष्ट्र में अभी भी कई ज़िले ऐसे है जहां नियम हल्के करके देखा तो वहां केसेस बढ़ने लगे। शहर से ज्यादा गांवों में ऐसी स्थिति देखने को मिली.  

पहली लहर ने बुजुर्गों को प्रभावित किया। दूसरी लहर से युवा वर्ग ज्यादा प्रभावित हुए। ऐसा अंदाजा है कि तीसरी लहर का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होने वाला है। हमें बच्चों को सुरक्षित रखना है। इसकी हमने व्यापक तैयारी की है। हमने टास्क फोर्स गठित किया है। डॉक्टरों का आह्वान करते हुए हमने ‘माझा डॉक्टर’ मुहिम शुरू की है। डॉक्टरों से संवाद साधा। हम फैमिली डॉक्टरों को निर्देश दे रहे हैं कि वे मरीजों को स्थिति खराब होने से पहले उसका ध्यान रखें। उनकी हालत खराब होने से बचाएं। सही समय पर इलाज ना हो पाने की वजह से उनकी स्थिति खराब हो जाती है। अगर फैमिली डॉक्टर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाएंगे तो हम मरीजों की स्थिति खराब होने से बचा पाएंगे। और जहां अस्पताल जाने की नौबत आए तो मरीजों को तुरंत अस्पताल भेजने की कोशिश करें। यह जिम्मेदारी फैमिली डॉक्टर निभाएँगे। बरसात आ रही है।  

हमने इस बीच उद्योगपतियों और उद्यमियों से भी बात की। अगर लॉकडाउन की परिस्थिति कायम रही तो अर्थव्यवस्था संकट में ना आए, ऐसी योजना हमें ध्यान में रखनी है। माझी कुटुंब, माझी जबाबदारी (मेरा परिवार, मेरी जिम्मदारी) मुहिम का अच्छा प्रभाव हुआ। हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना जैसे नियमों का पालन करते रहना है। जिस तरह हमने अपना घर कोरोना मुक्त किया उसी तरह क्या हम एक और ऐसी मुहिम नहीं चला सकते ‘माझा कोरोनामुक्त गांव’? हमें अपना-अपना गांव कोरोनामुक्त करना होगा। इस तरह से प्रत्येक गांव कोरोनामुक्त करने का लक्ष्य हमें अपनाना होगा। अगर गांव कोरोनामुक्त होगा तो महाराष्ट्र कोरोनामुक्त होगा। महाराष्ट्र की कोरोना नियंत्रण करने के मुहिम की देश भर में तारीफ की गई है। अगर गांव कोरोनामुक्त होगा तो देश कोरोनामुक्त होगाफ

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