बैतूल । बरसात के सीजन में इस बार भले ही जुलाई-अगस्त माह में अपेक्षित वर्षा नहीं हुई थी, लेकिन सितंबर माह में हो रही भारी वर्षा ने पूरे प्रदेश को सूखे के संकट से लगभग उबार दिया है। इसी क्रम में बैतूल में बादल फटने की स्थिति बन गई। पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक बैतूल के भीमपुर ब्लाक क्षेत्र में 24 घंटे में 445 मिलीमीटर (डेढ़ फीट) वर्षा दर्ज की गई। बैतूल के भैंसदेही में 354, हरदा के रहटगांव में 286, देवास के सोनकच्छ में 273, बैतूल के चिचोली में 270.4, इंदौर के देपालपुर में 260.8, खरगोन के महेश्वर में 258, रतलाम के बाजना में 256, पचमढ़ी में 241.2 मिमी. वर्षा दर्ज की गई। इसी तरह बैतूल में 197.2, नर्मदापुरम में 177.6, इंदौर में 171, धार में 137.5, खरगोन एवं खंडवा में 135, उज्जैन में 119.4, रतलाम में 85, भोपाल में 71.7, सिवनी एवं छिंदवाड़ा में 68.4, रायसेन में 58.2, सागर में 35.4, गुना में 25.8, टीकमगढ़ में 13, जबलपुर में 11.7, मलाजखंड में 11.6,खजुराहो में 11.2, सतना में 10.8,नौगांव में 8.6, सीधी में 7.6, दमोह में सात, रीवा में 6.6, मंडला में पांच, शिवपुरी में चार, ग्वालियर में एक मिमी. वर्षा हुई।
नर्मदापुरम में नर्मदा खतरे से 2.5 फीट नीचे, बाढ़ में घिरे 8 चरवाहे
नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर नर्मदा का जलस्तर आज सुबह 963.10 फीट पर पहुंच गया। यह अलार्म लेवल से 0.90 फीट नीचे और खतरे के निशान से 2.9 फीट नीचे है। तवा बांध के 13 गेट को 10 फीट बढ़ाकर 20-20 फीट तक खोल दिए गए हैं। जिले में गंजाल नदी का पानी पुल से ऊपर बहने पर पिछले 12 घंटे से नर्मदापुरम-हरदा-खंडवा स्टेट हाईवे बंद है। जिले के शिवपुर के पास बीसोनी गांव में मोरन नदी में आई बाढ़ के टापू में भेड़ चराने वाले 8 लोग फंस गए। राजस्थान के इन लोगों के साथ भेड़ और ऊंट भी फंसे गए। सभी को बचा लिया गया है।
जारी रहेगा वर्षा का दौर
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के असर से पूरे प्रदेश में वर्षा हो रही है। वर्षा का सिलसिला शनिवार-रविवार को भी बना रहेगा। इस दौरान इंदौर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में अति भारी वर्षा होने के आसार हैं। भोपाल, जबलपुर, सागर, रीवा, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है।