भोपाल।  प्रदेश में पंचायत चुनाव और नगरीय निकाय चुनावों के लिए आचार संहिता लागू हो गई है। नगरीय निकाय चुनावों में उतरे उम्मीदवारों या राजनीतिक दल को किसी अन्य उम्मीदवार अथवा दल या किसी समुदाय विशेष के नेताओं के पुतले लेकर चलने या उन्हें किसी सार्वजनिक स्थान में जलाए जाने तथा इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शन का अयोजन करने से अपने कार्यकर्ताओं को रोकना होगा।

अब आचार संहिता समाप्त होने तक यदि मंत्री किसी नगरीय क्षेत्र जहां चुनाव होने वाले है वहां का भ्रमण करते है तो उसे चुनावी दौरा माना जाएगा। ऐसे दौरे के लिए उन्हें शासकीय वाहन या अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी है।  प्रदेश में  चुनावों की घोषणा से लेकर चुनाव समाप्त होने तक  मंंत्रियों, सांसदों, विधायकों, नगरीय निकाय के पदाधिकारियों और उम्मीदवारों तथा उनके समर्थकों को शासकीय, सार्वजनिक उपक्रमों, प्राधिकरणों, स्थानीय निकायों, सहकारी संस्थाओं, कृषि उपज मंडियों  या शासन से अनुदान अथवा अन्य सहायता प्राप्त करने वाली संस्थाओ के स्वयं के अथवा उनके द्वारा किराए पर अनुबंधित वाहन, विमान और टेलीफोन, फैक्स सहित अन्य संसाधनों, कर्मचारियों का उपयोग करने की अनुमति नहीं रहेगी।

सभा, जूलूस में गड़बड़ी से कार्यकर्ताओं को रोकने की भी जिम्मेदारी
प्रत्येक राजनीतिक दल या उसके उम्मीदवार को अन्य किसी दल अथवा उम्मीदवार द्वारा आयोजित सभ या जुलूस में किसी प्रकार की गड़बड़ी करने या बाध डालने में अपने कार्यकर्ता तथा समर्थकों को रोकना चाहिए। यदि दो अलग-अलग दल या उम्मीदवार पास-पास स्थित स्थानों पर सभाएं कर रहे हो तो ध्वनि विस्तारक यंत्रों के मुंह विपरीत दिशाओं में रखे जाने चाहिए।

जिसका आवेदन पहले उसे मिलेगी सभा की अनुमति
किसी सार्वजनिक स्थान पर चुनावी सभा के आयोजन के लिए अनुमति देते समय सरकारी अधिकारी उम्मीदवारों अथवा राजनीतिक दलों के बीच कोई भेदभाव नहीं कर पाएंगे। यदि एक ही दिन औश्र एक ही समय पर एक से अधिक उम्मीदवार या दल एक ही जगह पर सभा करना चाहते हो तो उसी उम्मीदवार या दल को अनुमति दी जाएगी जिसने पहले आवेदन किया हो।

हाट-बाजार में सभा के लिए लेना होगा अनुमति
किसी हाट-बाजार या भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा के आयोजन के लिए सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति ली जाना चाहिए तथा स्थानीय पुलिस थाने में ऐसी सभा के आयोजन की पूर्व सूचना देना होगा ताकि शांति और व्यवस्था बनाए रखने, यातायात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस आवश्यक प्रबंध कर सके। जुलूस के स्थान, समय, मार्ग के संबंध में एक दिन पहले पुलिस थाने को सूचित करना होगा और यातायात बाधित न हो इसका ध्यान रखना होगा। प्रबबिंधित क्षेत्रों में जुलूस की अनुमति नहीं मिलेगी।